Dangerous Buildings in Mumbai
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    मुंबई. मुंबई (Mumbai) में इस वर्ष के प्री-मानसून सर्वेक्षण (Pre-Monsoon Survey) में बीएमसी (BMC) ने 407 जर्जर इमारतों की पहचान कर उन्हें सी 1 श्रेणी में सूचीबद्ध किया था। भारी बरसात (Heavy Rain) के समय इन इमारतों (Buildings) में लोगों का रहना असुरक्षित माना गया है। इन इमारतों को नहीं गिराया गया तो आस पास की इमारतों के निवासियों और राहगीरों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

    बीएमसी के सर्वे में खतरनाक हो चुकी जर्जर इमारतों में 322 निजी, 59 बीएमसी की और शेष 26 इमारतें सरकारी हैं। मुंबई शहर पिछले कई वर्षों से जर्जर भवनों की समस्या से जूझ रहा है। मानसून के समय हर साल, यह इमारतें दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं जिसमें कई लोगों की जान चली जाती है। इमारतों का मालिक चाहे जो भी हो, बीएमसी को इन इमारतों को खाली करने और गिराने के लिए कदम उठाना चाहिए। राज्य सरकार को इन इमारतों को गिराने की जिम्मेदारी तय करते हुए नए, स्पष्ट आदेश जारी करने चाहिए। यदि कोई मुकदमेबाजी है, तो बीएमसी को स्टे ऑर्डर को खाली कराने के लिए काम करना चाहिए।

     शहर से ज्यादा खतरनाक इमारतें उपनगर में

    अब तक दक्षिण मुंबई की सेस इमारतें खतरनाक साबित हो रही थी, लेकिन एक दशक में बहुत सारी इमारतों को गिरा कर वहां नई इमारतें खड़ी कर दी गई हैं अथवा उन्हें खाली करा लिया गया है। अब यह पैटर्न बदल गया है। इस वर्ष के सर्वे में सबसे अधिक अवैध एवं खतरनाक इमारतें उपनगर में पाई गई हैं।  एच-वेस्ट वॉर्ड में सबसे ज्यादा 49 इमारतें जर्जर एच-वेस्ट वॉर्ड, बांद्रा, खार और सांताक्रूज पश्चिम को कवर करता है, वहां सबसे ज्यादा 49 इमारतें जर्जर पाई गई हैं। इसके बाद एन वार्ड घाटकोपर, विद्या विहार इलाके में 47 इमारतें खतरनाक मानी गई है।  इस संदर्भ में बीएससी उपायुक्त संतोष काबरे का कहना है कि करीब 150 असुरक्षित और जर्जर इमारतों को तोड़ा है, जबकि 112 संरचनाओं में बिजली और पानी काट दिया गया है। 73 जीर्ण-शीर्ण इमारतों को गिराना लंबित है क्योंकि निवासियों ने अदालत का रुख किया है। 18 अन्य इमारतों की संरचनात्मक ऑडिट रिपोर्ट तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) को भेज दी गई है। अधिकारी ने कहा कि 107 संरचनाओं को खाली कर दिया गया है और जल्द ही इसे गिरा दिया जाएगा। 

    बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी 

    अधिकारी ने बताया कि हम उन इमारतों को गिरा रहे हैं जो मुकदमेबाजी का सामना नहीं कर रही हैं या टीएसी रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। ऐसे मामलों में जहां निवासी बेदखली नोटिस भेजने के बाद सहयोग नहीं करते हैं, हमने उनकी बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी है। काबरे ने कहा कि हम लंबित मामलों की स्थिति की समीक्षा करेंगे और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करके इमारतों को गिराएंगे।

    30 वर्ष पुरानी इमारतों का ऑडिट

    बीएमसी के नियमों के मुताबिक, 30 साल से अधिक पुरानी इमारतों में रहने वाले निवासियों को स्ट्रक्चरल ऑडिट कराना होता है। जो सी-1 श्रेणी में पाए जाते हैं और जिनकी मरम्मत नहीं की जा सकती उन्हें खाली करने की नोटिस दी जाती है। हालांकि, बीएमसी नोटिस प्राप्त करने के बाद, कई निवासी संरचनात्मक ऑडिट रिपोर्ट की जांच के लिए टीएसी के समक्ष  अपील करते हैं। जिससे मामला खिंच जाता है। कई मौकों पर, बीएमसी निवासियों से यह एफिडेविट लेती है कि वे अपने जोखिम और लागत पर खतरनाक इमारत में रह रहे हैं। दक्षिण मुंबई की सेस इमारतें जिनके मरम्मत की जिम्मेदारी म्हाडा रिपेयर बोर्ड की है इस बार वहां भी 21  इमारतें खतरनाक घोषित की गई हैं। इन इमारतों के निवासियों को ट्रांजिट कैंप में शिफ्ट किये जाने की जानकारी रिपेयर बोर्ड के चेयरमैन विनोद घोसालकर ने दी है। 

    • खतरनाक इमारतें 507
    • निजी इमारतें 322
    • बीएमसी की इमारतें 59
    • सरकारी इमारतें 26

    सर्वाधिक खतरनाक इमारतों वाले वॉर्ड

    • एच वेस्ट- बांद्रा-खार-सांताक्रुज पश्चिम 49
    •  एन वॉर्ड- घाटकोपर – विद्या विहार 47
    •  के पश्चिम वॉर्ड – अंधेरी – विलेपार्ले पश्चिम 36
    •  टी वॉर्ड- मुलुंड- नाहुर 35
    •  के पूर्व- अंधेरी- विलेपार्ले- जोगेश्वरी पूर्व 34
    • एफ उत्तर- माटुंगा- सायन- वडाला 26
    • पी उत्तर- मालाड- मालवणी 25