8.5 crores fee Taj Hotel

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मुंबई. मुंबई (Mumbai) में 26/11 को हुए आतंकवादी हमले के बाद ताज होटल (Taj Hotel) के आसपास की सड़कों (Roads) और फुटपाथ पर पर ताज होटल मैनेजमेंट (Taj Hotel Management) ने बैरिकेट लगा कर बंद कर दिया है।

बीएमसी प्रशासन (BMC Administration) ने ताज  होटल की ओर से सड़क और फुटपाथ पर कब्जा करने के लिए 8.5 करोड़ रुपए शुल्क वसूलने का नोटिस दिया था। बाद में प्रशासन ने शुल्क माफ करने का प्रस्ताव स्थायी समिति (Standing Committee) में पेश किया था जिसे बुधवार को मंजूर कर लिया गया। ताज होटल को शुल्क में छूट देने का विरोध करने वाला विपक्ष चिल्लाता रहा, लेकिन सत्ताधारी पार्टी ने प्रस्ताव को मंजूर कर लिया।

जनता पर टैक्स का भार  बढ़ा रही है बीएमसी

विरोधी पक्ष नेता रवि राजा ने आरोप लगाया कि  उधोगपतियो को छूट देकर  बीएमसी प्रशासन मुंबई की आम जनता पर टैक्स का भार  बढ़ा रही है, जिसका शिवसेना समर्थन कर रही है।  विपक्षी पार्टी के नेताओ का आरोप था कि ताज की छूट सिर्फ मनपा के एक उपायुक्त के कहने पर दी जा रही है। मुंबई हमले के दौरान ट्राइडेंट और स्टॉक इक्सचेंज ने भी सड़क को बंद कर उसका उपयोग किया था, लेकिन उसे शुल्क वसूलने के लिए मनपा ने नोटिस भेजी है।ताज हॉटेल द्वारा मनपा की सड़क और फुटपाथ पर कब्जा जमाने को लेकर  मनपा प्रशासन ने पिछले 12 साल का शुल्क के रूप में 8.5 करोड़ का बिल भेजा था। मनपा अब उसी बिल को माफ करने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, मनपा प्रशासन ने अब जब तक ताज हॉटेल की सुरक्षा को लेकर सड़क और फुटपाथ पर बैरिकेट लगाने के लिए लगने वाले शुल्क में 50 प्रतिशत छूट देने का  निर्णय लिया है।  विरोधी पक्ष इस निर्णय का विरोध करते रहे, लेकिन स्थायी समिति अध्यक्ष ने छूट देने के निर्णय को बहुमत के जोर पर हरी झंडी दे दी।

लोकायुक्त के पास करेंगे शिकायत : रविराजा

मनपा विरोधी पक्ष नेता रविराजा ताज हॉटेल के शुल्क को माफ करने के निर्णय में कहा कि वे इस मामले में  लोकायुक्त के पास शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि  वर्ष 2017 में लोकायुक्त ने इस  मामले में मनपा प्रशासन को पॉलिसी बनाकर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। मनपा प्रशासन अभी तक कोई पॉलिसी नहीं बना सकी, लेकिन ताज को अकेले छूट देने का निर्णय लिया। जिसके चलते मनपा प्रशासन के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत करने की जानकारी दी। रविराजा ने शिवसेना पर आरोप लगाया कि शिवसेना अब सिर्फ उद्योगपतियों और ठेकेदारों की पार्टी बनकर रह गई है। आम जनता को  सुविधा देने और छूट देने का शिवसेना के पास अब कोई संवेदना नही रह गई है। आम जनता पर पानी टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स सहित फेरीवालों से कोरोना काल में खुद के बंद हुए सीएफसी सेंटर के बावजूद उनसे दंड वसूल किया जा रहा है जबकि उद्योगपतियों को छूट दी जा रही है।