प्राचीन भारतीय साहित्य ज्ञान का महासागर

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– राष्ट्रीय वेबिनार में बोले भगत सिंह कोश्यारी

मुंबई. प्राचीन भारतीय साहित्य, ज्ञान और विचारों का विशाल महासागर है. वेद, उपनिषद, दर्शन और योग शास्त्र महासागर के मोती जैसे हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बुधवार को प्राचीन भारतीय साहित्य में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और महामारी के संदर्भ’ विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का उद्घाटन किया.

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दुनिया ने भारत के योग को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में ज्ञान को फिर से स्थापित करने के लिए प्राचीन भारतीय साहित्य का गहन अध्ययन करने की आवश्यकता है. वेबिनार का आयोजन उत्तराखंड की देवभूमि विचार मंच ने उत्तराखंड के हल्द्वानी ओपन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर किया.

शिक्षाविद प्राचीन ज्ञान का सम्मान करें

राज्यपाल ने शिक्षाविदों से प्राचीन ज्ञान का सम्मान करने और समय-परीक्षित भारतीय विचार को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की अपील की. इस अवसर पर उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी (हल्द्वानी, नैनीताल) के वाइस चांसलर प्रो. ओपीएस नेगी ने राज्यपाल का स्वागत किया. सेमिनार में विभिन्न विश्वविद्यालयों के उप कुलपति, शिक्षाविद, शोधकर्ता और छात्रों ने भाग लिया.