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भायंदर. करीब 400 करोड़ रुपए कर्ज में डूबी मीरा-भायंदर मनपा के अधिकारी बिल्डरों पर मेहरबान हैं. उनके ऊपर 100 करोड़ रुपए ओपन लैण्ड टैक्स बकाया है. यह रकम वसूलने के लिए अधिकारी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, जबकि हजारों में बकाया होने पर आम आदमी और सोसाइटियों का नल कनेक्शन काट दिया जाता है.

लॉकडाउन के बाद मीरा-भायंदर मनपा की हालत और पतली हो चली है. करीब 300 करोड़ रुपए पहले से कर्ज था. 82 करोड़ और ले लिया है. 58 करोड़ रुपए और मंजूर हो चुका है. इसकी 80 करोड़ सालाना किस्त चुकानी पड़ेगी. तिजोरी भरने के लिए मनपा सिर्फ हाउस टैक्स की वसूली पर जोर देती है, जबकि 36 तरह के टैक्स और हैं. उन्हीं में एक है ओपन लैंड टैक्स. लेकिन इसकी वसूली पर आज तक गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया. 

नई बिल्डिंग प्लान पास नहीं करना चाहिए

सभागृह नेता प्रशान्त दलवी ने कहा कि नल कनेक्शन देने से पहले मनपा संबंधित संपति पर हाउस टैक्स बकाया होने या न होने का क्लीयरेंस लेती है. अगर बकाया रहा तो उसे नल कनेक्शन नहीं देती है. इसी तरह ओपन लैंड टैक्स बकाया होने पर बिल्डर की नई बिल्डिंग प्लान पास नहीं करना चाहिए.

बकायेदारों की जब्त हो संपति

नए निर्माण की अनुमति लिखित गारंटी लेकर दे दी जाती है. बाद में सुधारित बांधकाम परमिशन आने के बाद बिल्डर अतिरिक्त निर्माण कर लेता है. नगर रचना विभाग इसकी सूचना अतिक्रमण निर्मूलन विभाग को नहीं देता है. इससे अवैध निर्माण खडा रहता है. इस विषय को लेकर मैंने मनपा कमिश्नर को पत्र लिखा हूं. मैंने मांग की है कि ओपन लैंड टैक्स बकायेदारों को नई बिल्डिंग बनाने की मंजूरी नहीं दी जाए और उनकी संपति जब्त की जाए. – प्रशान्त दलवी, सभागृह नेता