बंगाली खाएंगे गुजरात की मछली

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  • पश्चिम रेलवे बीडीयू का अभिनव उपक्रम
  • ओखा से कोलकाता भेजी जा रही मछली 

मुंबई. कोरोना महामारी के चलते उभरी गंभीर परिस्थितियों के बीच कई नई चीजें देखने को मिल रहीं हैं. रेलवे भी अपनी आय बढ़ाने के विभिन्न स्तर पर प्रयास कर रही है. सर्वाधिक मछली उत्पादन और उपभोग के लिए प्रसिद्ध पश्चिम बंगाल को गुजरात से मछली भेजने का काम पश्चिम रेलवे ने शुरू किया है. हर जोन में अब बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) के माध्यम से रेल माल यातायात में नई संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.मध्य रेलवे इसी तरह पहली बार महाराष्ट्र से यूपी-बिहार के लिए अनार और अन्य फल-सब्जी का परिवहन कर रही है.लॉकडाउन के दौरान पश्चिम व मध्य रेलवे के माध्यम से प्याज का यातायात बांग्लादेश तक किया गया है. 

रेलवे को 4.16 लाख रुपये की आय हुई 

इसी श्रृंखला में राजकोट डिवीजन के बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने अभिनव पहल करते हुए पश्चिम बंगाल के लिए ओखा स्टेशन से पार्सल विशेष ट्रेनों में मछली का परिवहन शुरू किया है.पार्सल विशेष ट्रेन से शुरुआत में अब तक लगभग 57 टन मछली का परिवहन किया जा चुका है.इस सम्बंध में ओखा पोर्ट के कई मछली व्यापारियों से सम्पर्क किया गया और विचार-विमर्श किया गया,जिसमें पाया गया कि पश्चिम बंगाल में यहां के मछली की बहुत अच्छी मांग है. नई योजना पर अमल करते हुए मछलियों के पार्सलों को पहले ओखा से पार्सल वैन में लोड कर राजकोट लाया गया और उसके बाद राजकोट स्टेशन पर पोरबंदर-शालीमार पार्सल विशेष ट्रेन में इन पार्सल वैनों को जोड़ने की व्यवस्था की गई.बीडीयू के इन अनूठे प्रयासों की बदौलत पश्चिम रेलवे को 4.16 लाख रुपये की आय हुई है.गुजरात से मछलियों के परिवहन का यह व्यापार आने वाले दिनों में और अधिक बढ़ने की संभावना है.

नए माल यातायात की तलाश : सीपीआरओ

पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ सुमित ठाकुर ने बताया कि जीएम आलोक कंसल के मार्गदर्शन में गठित बीडीयू लगातार माल यातायात की नई संभावनाएं तलाश रही है.वाणिज्यिक विभाग द्वारा एक सर्वेक्षण कर नियमित ट्रेनों की अनुपलब्धता की स्थिति में नये माल ग्राहकों को आकर्षित करने की संभावनाओं का पता लगाया गया. पश्चिम रेलवे लगातार माल यातायात को बढ़ावा देने नए प्रयोग कर रही है.