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    मुंबई. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) की फीस (Fees) में 15 प्रतिशत की कटौती करने की योजना बना ली है। इस संबंध में वह अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है।

    आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री के दफ्तर से लेकर घर के आंगन तक धरना प्रदर्शन किया। निजी स्कूलों की लूट पर लगाम कसने और फीस में कटौती के लिए न जाने कितने पापड़ बेले, लेकिन सरकार से उन्हें किसी प्रकार की कोई राहत नहीं मिली थी। ऐसे में अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने आखिरकार अभिभावकों की गुहार सुन ली। कोर्ट ने राजस्थान की तरह महाराष्ट्र सरकार को प्राइवेट स्कूलों की फीस में 15 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया है। साथ ही कोरोना काल में स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस को भी रद्द करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया गया है। कोर्ट के इसी निर्देश का राज्य सरकार को पालन करना ही होगा।

    शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक राज्य का शिक्षा विभाग महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से चर्चा करके इस संबंध में जल्द निर्णय ले लेगा। अभिभावक एंव याचिकाकर्ता प्रसाद तुलसकर ने बताया कि अदालत ने शिक्षा का बाजारीकरण करने वाले स्कूल और उनकी मदद करने वाले अधिकारियों और नेताओं को फटकार लगाते हुए यह निर्देश दिया है कि 3 हफ्तों के अंदर जरूरी कदम उठा लिए जाएं। कोर्ट के इस निर्णय से अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी।