राम भक्तों पर कार्रवाई को लेकर बीजेपी जताई नाराजगी

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मुंबई. राम भक्तों पर कार्रवाई को लेकर बीजेपी ने नाराजगी जतायी है.पार्टी प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर भूमिपूजन के अवसर पर शांति से आनंदोत्सव मनाने वाले कार्यकर्ताओं पर महाविकास आघाड़ी सरकार ने कार्रवाई करके अपने मुगलशाही रवैये को दर्शाया है.  भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में  उपाध्ये ने कहा कि कोरोना महामारी के समय सभी नियम एवं शर्तों का पालन करते हुए आनंद उत्सव को मनाने का आदेश पार्टी की ओर से राज्य भर के कार्यकर्ताओं को दिया गया था.ऐसा होने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने कई स्थानों पर दबाव के तंत्र का उपयोग करके आनंद उत्सव मनाने नहीं दिया. 

 पिंपरी- चिंचवड में कार्यकर्ताओं ने 10 लाख लड्डुओं का वितरण करना निश्चित किया था. लेकिन पुलिस ने लड्डू वितरण करने पर प्रतिबंध लगा दिया. अनेक स्थानों पर भगवान रामचंद्रजी की प्रतिमा और झंडों को जप्त कर लिया गया. इंद्रापुर, बारामती, सासवड में भी कार्यक्रम नहीं होने दिया गया.

आनंदोत्सव मनाने के निवेदन को पुलिस नहीं माना

विदर्भ में अमरावती, बडनेरा,परतवाडा, पुसद, अकोला में पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओं को धमकाने की घटना सामने आई है  नागपुर में बैनर, झंडों को लगाने नहीं दिया गया. नाशिक स्थित कालाराम मंदिर परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का पालन करते हुए आनंदोत्सव मनाने के निवेदन को पुलिस नहीं माना.कालाराम मंदिर परिसर में सभी जगहों पर बैरिकेड लगाए गए. आखिरकार विधायक देवयानी फरांदे ने जमावबंदी के आदेश को तोड़ते हुए रामकुंड पर आरती की.परभणी में पेड़ा वितरण कार्यक्रम को पुलिस ने बंद करा दिया और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. मालेगांव में भी झंडे नहीं लगाने दिए गए. परली में आनंदोत्सव मनाने वाले अनेक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया. उपाध्ये ने कहा कि शिवसेना यह कहती रही है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है इसलिए हिंदुत्व को नहीं छोड़ा है, लेकिन अब असली रूप दिखाई दिया है.सत्ता के लिए शिवसेना ने राम राज्य को छोड़ दिया है और मुगलशाही को स्वीकार किया है यह इन सभी घटनाओं से स्पष्ट हुआ है.