mumbai BJP office
मुंबई बीजेपी कार्यालय

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मुंबई. युति से अलग होने के बाद शिवसेना और बीजेपी के बीच शह मात का खेल चल रहा है. बीएमसी में सत्ताधारी शिवसेना की हर वो फैसले ले रही है जिससे बीजेपी को चिढ़ लगे और बीजेपी को शिवसेना के सभी फैसलों में भ्रष्टाचार की बू आ रही है इसलिए वह आक्रामक होकर विरोध कर रही है. 

कोरोना महामारी में बीएमसी का कामकाज ठप हो गया था. अब स्थायी समिति में रुके प्रस्तावों एक साथ पास कराने के लिए शिवसेना आतुर है. स्थायी समिति की पहली बैठक में एक साथ 674 प्रस्ताव लाने के बीजेपी के विरोध बाद भी शिवसेना अड़ी रही तो बीजेपी उसे रोकने के लिए कोर्ट पहुंच गई.   

6 महीने कोई भी बैठक नहीं हुई 

भाजपा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्थायी समिति की बैठक किए जाने का विरोध किया है.  कोरोना महामारी की शुरुआत होने के बाद 31 मार्च को आखिरी बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग से करने के बाद बंद हो गई थी. कोरोना काल में मनपा प्रशासन द्वारा किए गए खर्च की मंजूरी देने के लिए अब एक साथ 674 प्रस्ताव लाए गए हैं. नियमतः स्थायी समिति की  सप्ताह में एक बार बैठक होना अनिवार्य है. कोरोना महामारी के कारण 6 महीने कोई भी बैठक नहीं हुई. समिति के अध्यक्ष पद  के चुनाव की मंजूरी मिलने के बाद अब बैठक का आयोजन किया गया. समिति चुनाव भी पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही लिए जाने की अनुमति राज्य सरकार की ओर से दी गई थी. चुनाव में होने वाली अड़चन को ध्यान में रखकर मनपा सदन में प्रत्यक्ष रूप से सदस्य की उपस्थिति में चुनाव कराए जाने का निर्णय लिया गया. चुनावी प्रक्रिया पूरी भी हुई. 

हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया 

स्थायी समिति की बैठक अब रखी गई है. मनपा प्रशासन ने स्थायी समिति की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग से  ही कराने  के लिए कहा है. मनपा की सभी पार्टी के सदस्यों ने वैधानिक समितियों की बैठक मनपा सदन में सदस्यों की उपस्थिति में कराने की मांग प्रशासन से की है. भाजपा स्थायी  समिति सदस्य मनपा प्रशासन और स्थायी  समिति अध्यक्ष के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 

कोरोना काल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ 

भाजपा नेता मकरंद नार्वेकर ने मुंबई हाई कोर्ट में दायर की हुई याचिका में बुधवार  21 अक्टूबर  को होने वाली बैठक पर रोक लगाने  और समिति की बैठक मनपा सदन में सदस्यों के प्रत्यक्ष उपस्थिति में कराने की गुहार लगाई है. मकरंद नार्वेकर का कहना है कि कोरोना काल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. कई मामलों में  लोकायुक्त  के पास शिकायत की गई है. कोरोना काल में लोगों को सुविधा देने के नाम पर खुली लूट मची थी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ली गई बैठकों के पिछले अनुभव को देखते हुए किसी तरह की चर्चा किए बिना प्रस्तावों को पास कर दिया जाएगा. उन्होंने समिति की बैठक मनपा सदन में कराई जाए और 7 महीने  से रुके पड़े प्रस्ताव एक साथ न लाने की गुहार लगाई है. मकरंद नार्वेकर ने कोर्ट को बताया है कि एक साथ 674  प्रस्ताव पर चर्चा करना तो दूर उसे पढ़ पाना  भी मुमकिन नहीं होगा. जिसके चलते 7 माह से रुके पड़े प्रस्ताव को क्रम में लाया जाए जिससे सदस्य सभी प्रस्ताव पर चर्चा कर अपनी राय रखे और उसके बाद प्रस्ताव पास  किया जाए अथवा रद्द किया जाए.

बीएमसी में बीजेपी का प्रदर्शन

एस और टी प्रभाग समिति चुनाव में महापौर के फैसले का विरोध जताने के लिए बीजेपी नगरसेवकों ने सोमवार को मनपा मुख्यालय में महापौर किशोरी पेडणेकर और मनपा सचिव  के खिलाफ जम कर प्रदर्शन किया.  ‘महापौर चोर है’ के नारे लगाए गए. बीजेपी गुट नेता प्रभाकर शिंदे ने बताया कि वहां पर दोनों पक्षों के 10-10 नगरसेवक थे. मत बराबर होने के चिट्ठी निकालकर अध्यक्ष तय किया जाना चाहिए था, लेकिन पीठासीन अधिकारी होने के कारण महापौर ने बीजेपी का एक वोट अवैध घोषित कर दिया. किस सदस्य का वोट अवैध हुआ कागज भी नहीं दिखाया. महपौर ने अपनी पार्टी का अध्यक्ष जितवाने के लिए पद की गरिमा को कलंकित किया. हम इस मामले को लेकर कोर्ट में  याचिका भी दायर करने वाले हैं.