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  • दर-दर भटक रहे मरीजों के परिजन

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सूरज पांडेय

मुंबई. मुंबई में रक्त का संकट गहराता जा रहा है. लोगों की जान बचाने वाले ब्लड बैंक इन दिनों सूखे पड़े हैं. रक्त की कमी के चलते अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है, तो कुछ को दूसरों से मिन्नते कर ब्लड डोनेशन के लिए राजी करना पड़ रहा है. डॉक्टर्स, सामाजिक कार्यकर्ताओं की माने तो अनलॉक के बाद संकट और भी गहरा जाएगा, जब पेंडिंग ऑपेरशन के लिए मरीजों का अस्पताल में तांता लगेगा.

समय पर रक्त मिलना जरूरी

अस्पताल में भर्ती कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें समय पर यदि रक्त नहीं मिला तो उनकी मौत भी हो सकती है. रक्त कैंसर, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, किडनी फेलियर, सिजेरियन, बाईपास, दुर्घटना जैसे मामलों में रक्त की तुरंत आवश्यकता होती है, लेकिन आलम यह है कि ब्लड बैंक में रक्त की भारी किल्लत है. केईएम अस्पताल में स्पाइन सर्जरी के लिए भर्ती 11 साल की सना खान को ‘ओ’ पॉजिटिव रक्त चाहिए, लेकिन उन्हें रक्त नहीं मिल रहा है. बच्ची के भाई मेहराज अहमद ने बताया कि हमने केईएम, टाटा और अन्य ब्लड बैंक में पूछा तो उन्होंने रक्त न उपलब्ध होने की बात कही. काफी मशक्कत के बाद हमने डोनर मिला है, लेकिन केईएम का संबंधित विभाग ही बंद है और हमें सोमवार को आने के लिए कहा गया है. अब हम दूसरे ब्लड बैंक से संपर्क कर रहे हैं कि वे हमें रक्त दे, बदले में हम रक्तदान करने के लिए तैयार हैं थैलेसीमिया की बीमारी से जूझ रही अनाम शाह की मां इम्रातुल निशा ने बताया कि उनकी बेटी का इलाज सायन अस्पताल में चल रहा है. बच्ची का ब्लड ग्रुप ‘ओ’  निगेटिव है. हर 15 दिन में उसे ब्लड चढ़ाना होता है, लेकिन कोविड काल में उन्हें बड़े परेशानी हुई है. शनिवार को मुझे कई ब्लड बैंक के चक्कर काटने पड़े. बड़ी मिन्नत करने के बाद जसलोक से रक्त मिला. 

अधिक्तर ब्लड बैंक के पास रक्त ही नहीं 

मनपा ब्लड बैंक से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रोजाना रक्त के लिए कई कॉल्स आ रहे हैं. अधिक्तर ब्लड बैंक के पास रक्त ही नहीं है. अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है,  पेंडिंग ऑपेरशन भी शुरू होंगे, ऐसे में रक्त की बढ़ती डिमांड की तुलना में डोनेशन काफी कम है. 

अनगिनत कॉल्स और मैसेज

लोगों को रक्त मुहैया कराने वाली सामाजिक संस्था थिंक फाउंडेशन के संस्थापक  विनय शेट्टी ने कहा कि मुझे रक्त के लिए अनगिनत कॉल्स आ रहे हैं. अधिक्तर रक्त कॉलेज, ऑफिस, धार्मिक संस्थान में आयोजित होने वाले कैम्प से आते हैं, लेकिन फिलहाल सब बंद है. कोरोना के डर से आधे लोग आगे नहीं आ रहे हैं. लोगों को रक्त मुहैया कराने वाले राहुल साल्वे ने बताया कि मैं अपने समूह के साथ पिछले कई वर्षों से जरूरतमंदों को रक्त दिलाता हूं. हम सब रक्तदान करते हैं, लेकिन अब जरूरतमंदों की संख्या बढ़ती जा रही है. कैंसर, थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों को भी अब रक्त मिलने में तकलीफ हो रही है.

सोसाइटी में हो सकता है रक्तदान

विनय शेट्टी ने कहा कि लोग अभी भी बाहर नहीं आ रहे हैं. कॉलेज और ऑफिस बंद है, लेकिन लोग अपनी सोसाइटी में भी रक्तदान कर सकते हैं.लोग निडर होकर आगे आएं.कोरोना काल में हम खुद रक्तदाताओं की सुरक्षा का ध्यान देते हैं. लोगों से अपील है कि वे अपने सोसाइटी को लोगों को महादान के लिए राजी करें. रक्तदान के लिए सोसाइटी हमें 98201 46448 इस नंबर या vinay@thinkfoundation.org पर मेल कर सकते हैं. इसी के साथ राज्य में ब्लड बैंकों का संचालन करनेवाली स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (एसबीटीसी) से sbtc@mahasbtc.com मेल पर संपर्क कर सकते हैं.

नवरात्र से आस

एसबीटीसी के निदेशक डॉ. अरुण थोरात ने बताया कि नवरात्रि में हमने कई मंडलों से संपर्क करने के लिए ब्लड बैंक को कहा है.आशा है कि वहां से हमें काफी डोनर्स मिलेंगे.

ब्लड बैंक का स्टॉक (17अक्टूबर)

केईएम -56

सेंट जॉर्ज- 1

जेजे- 45

कूपर -13

जीटी -10

रेड क्रॉस -0 

भाभा -15 

नायर -70

सायन- 52

राजावाड़ी 2

कामा- 42

जेजे महानगर -56

सेवन हिल्स- 7

कांदिवली -1

जग जीवनराम में 2 यूनिट ब्लड ही उपलब्ध है.