बीएमसी ने झोपड़पट्टियों में बढ़ाई जांच

  • अनलॉक-5 के बाद 18 लाख लोग वापस लौटे

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मुंबई. कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ मुंबई से पलायन करने वाले लाखों लोगों में से 18 लाख लोग मुंबई में वापस लौट आए हैं. वापस लौटने वाले ज्यादातर लोग मजूदर वर्ग के हैं जो झोपडपट्टियों में रहते हैं. अब कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी के बाद बीएमसी की नजर एक बार फिर झोपडपट्टियों पर टिक गई है. बीएमसी ने झोपडपट्टियों में जांच तेज कर दी है.

बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए मुंबई में सतर्कता बढ़ा दी है. मुंबई में अक्टूबर महीने में कोरोना केस की संख्या कम होने से दूसरे राज्यों में जाने वाले लोग वापस आने लगे हैं. 

जांच की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया

‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ के तहत बीएमसी के कर्मचारी 35 लाख से भी ज्यादा घरों तक पहुंच कर उनका ऑक्सीजन लेवल की जांच किए थे. जिनमें कोरोना के लक्षण थे उनकी कोविड जांच कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस अभियान के तहत झोपडपट्टियों में जो घर बंद थे उनमें लोग वापस आए हैं. इसलिए दुबारा से जांच की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए यह सबसे कारगर तरीका है.

डोर-टू-डोर सर्वे

काकानी ने बताया कि बीएमसी स्वास्थ्य कर्मी दुबारा से डोर-टू-डोर जाकर लोगों की जांच कर रहे हैं. स्लम हो या इमारत सब जगह पहुंच रही है. मुंबई में इस समय सक्रिय मरीजों की संख्या 9,325 रह गई है. जबकि दिल्ली में दूसरी लहर के बाद कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 42 हजार से उपर हो चली गई है. हमारी कोशिश है कि मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर को आने ही नहीं दें. इसलिए जांच को तेज कर दिया गया है. 

रोजाना 17,000 लोगों की जांच की जा रही 

अभी रोजाना 17,000 लोगों की जांच की जा रही है. इसे और बढ़ाया जा रहा है. बीएमसी पहले ही भीड़ वाले क्षेत्र जैसे मार्केट आदि  244 स्थानों पर कैंप लगा कर लोगों की जांच कर रही है.