मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) की नागपुर पीठ ने संस्थागत पृथक-वास केन्द्रों में भर्ती कोविड-19 (Covid-19) मरीजों द्वारा नियमों का पालन नहीं किए जाने पर अप्रसन्नता जताई है और नागपुर (Nagpur) में ऐसे प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी (CCTV) लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे (Sunil Shukre) और न्यायमूर्ति अविनाश घरोते (Avinash Ghaote) की खंड पीठ ने आठ अप्रैल के अपने आदेश ,जिसकी प्रति सोमवार को मुहैया कराई गई, में कहा कि सीसीटीवी कैमरे लगाने से पृथक-वास में रह रहे मरीजों की उनके कमरे में और कमरे से बाहर जाने संबंधी गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
अदालत ने कहा कि सीसीटीवी महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के खर्च पर लगाए जाएंगे और इसका प्रस्ताव नागपुर के जिलाधिकारी और नागपुर नगर निगम के आयुक्त तैयार करेंगे। पीठ पिछले वर्ष स्वत: संज्ञान लेते हुए दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह याचिका महामारी और अस्पतालों की हालत के संबंध में दाखिल की गई थी। अदालत को आठ अप्रैल को बताया गया कि कई संस्थागत पृथक-वास केन्द्रों में मरीज खुद को सबसे अलग रखने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं और उन्हें प्रतिष्ठानों में यहां वहां घूमते देखा जा सकता है।
अदालत ने कहा,‘‘ हमें सूचित किया गया है कि पृथक-वास में रह रहे कोविड-19 के कुछ मरीजों के इस प्रकार के खतरनाक बर्ताव के चलते, इन मरीजों की देख रेख का जिम्मा संभाल रहे कुछ कर्मचारी भी संक्रमित हो रहे हैं।” उच्च न्यायालय ने कहा,‘‘ पृथक-वास में रह रहे कोविड-19 के मरीजों के इस प्रकार के आचरण से संबंधित प्राधिकारों द्वारा कड़ाई से निपटे जाने की जरूरत है।” अदालत ने नागपुर के जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए कि पृथक-वास में रह रहे मरीज कड़ाई से नियमों का पालन करें।