जीटीबी नगर की खतरनाक इमारतों पर चलेगा बुलडोजर, BMC ने काटा बिजली, पानी का कनेक्शन

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  • 25 इमारतों में से 10 का कटा कनेक्शन 

मुंबई. मुंबई में जर्जर इमारतों के दुर्घटनाग्रस्त होने से लोगों की जान जा रही है. अंटापहिल के जीटीबी नगर पंजाबी कैंप की  सभी इमारतें भी जर्जर हो गई हैं,  जिसे देखते हुए बीएमसी ने इमारतों को खतरनाक घोषित किया था. बीएमसी ने उन इमारतों का बिजली, पानी कनेक्शन काटकर गिराने की कार्रवाई शुरु कर दी है. एफ उत्तर वॉर्ड के अंतर्गत आने वाली इमारतों में से सोमवार को भी 4 इमारतों का बिजली पानी कनेक्शन काट दिया गया. 

 443 खतरनाक इमारतें

 इस वर्ष  बीएमसी के सर्वे में मुंबई की  443 इमारतें खतरनाक पाई गई थीं. भानुशाली इमारत हादसे के बाद ही इमारतों को खाली कराया जाना था लेकिन कोरोना संकट के कारण टाल दिया गया था. नागपाड़ा में मिश्रा मेंशन इमारत गिरने से 2 लोगों की जान चली गई. इमारत दुर्घटना के बाद बीएमसी ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. गणेशोत्सव तक बीएमसी को इंतजार था. अब एक बार फिर खतरनाक हो चुकी इमारतों पर कार्रवाई शुरु कर दी गई है. 

जीटीबी नगर में 25 इमारतें खतरनाक स्थिति में 

एफ उत्तर वॉर्ड के जीटीबी नगर में 25 इमारतें खतरनाक स्थिति में हैं. सभी इमारतें जर्जर हो चुकी हैंं. इनमें से इमारत नंबर 13 का कुछ हिस्सा अभी हाल ही में गिर गया था. इस इमारत को खाली कर बिजली पानी का कनेक्शन काट दिया गया है. सहायक मनपा आयुक्त गजानन वेल्लाले ने बताया कि 10 इमारतों का बिजली पानी कनेक्शन काट दिया गया है. भारत पाकिस्तान बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए रिफ्यूजियों को पंजाबी कैंप के अलावा मुंबई में कई स्थानों पर  बसाया गया था. 75 वर्ष पूर्व बनीं  इमारतें जर्जर हो चुकी हैं. लगभग सभी इमारतों पर अवैध निर्माण करने से दीवारें ज्यादा भार उठाने के काबिल नहीं हैं. 

ट्रांजिट कैंप व्यवस्था किए बिना घरों से निकाला जा रहा

 पिछले10 सालों से बीएमसी यहां के निवासियों को इमारत खाली करने की नोटिस दे रही है लेकिन इमारतों को खाली नहीं किया जा रहा है.  सभी 35 इमारतें मुंबई जिलाधिकारी की जमीन पर बनी हैंं. स्टेशन से नजदीक होने के कारण यहां की इमारतों को डेवलप करने के लिए कई बिल्डरों ने एग्रीमेंट किया, लेकिन निर्माण कार्य परवान नहीं चढ़ सका. बीएमसी  लोगों की जान बचाने के लिए अब सख्ती से बिजली पानी काट कर इमारत खाली करा रही है. एक इमारत को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई भी शुरु कर दी गई है. लोगों का आरोप  है कि जिलाधिकारी की तरफ से ट्रांजिट कैंप व्यवस्था किए बिना घरों से निकाला जा रहा है. बीएमसी अधिकारी का कहना है कि जमीन जिलाधिकारी की होने के कारण लोगों के शिफ्टिंग की जिम्मेदारी भी जिलाधिकारी की है. बीएमसी कमिश्नर  इकबाल सिंह चहल ने सभी 24 वॉर्डों खतरनाक हो चुकी इमारतोंं को सख्ती के साथ खाली कराने का आदेश दिया था जिसके बाद इमारतों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है. 

बीएमसी ने कार्रवाई तेज की 

बीएमसी ने बारिश से पूर्व खतरनाक इमारतों की जो लिस्ट तैयार की थी, उसमें 52 बीएमसी की, 27 सरकार की और 364 प्राइवेट इमारतें थीं. बीएमसी के बांद्रा पूर्व, बांद्रा पश्चिम और अंधेरी पूर्व परिसर में सर्वाधिक 109, घाटकोपर, भांडुप और मुलुंड क्षेत्र में 105 खतरनाक इमारतें हैं. पश्चिमी उपनगर में बीएमसी ने खतरनाक इमारतों के बारे में कार्रवाई तेज की है. कांदिवली, बोरिवली और दहिसर क्षेत्र में 53 में से 8 खतरनाक इमारतों को गिराया गया है. 16 इमारतों का बिजली और पानी कनेक्शन काट दिया गया है. इनमें से 25 इमारतों का मामला कोर्ट में प्रलंबित है उनको छोडकर  सभी खतरनाक इमारतों को गिराया जाएगा. के पश्चिम वार्ड के सहायक मनपा आयुक्त विश्वास मोटे ने बताया कि के पश्चिम वार्ड स्थित एसवी रोड पर  खतरनाक  घोषित की गई इमारत की बिजली और पानी सप्लाई काट दी  गई है. इसमें रहनेवालों ने इसके बाद इमारत को खाली कर दिया जिसके बाद इसे गिराने का काम शुरू हो गया है.  इसी तरह अंबोली स्थित एक इमारत की पानी और बिजली सप्लाई रोक दी गई. इस वार्ड में 44 खतरनाक इमारतें हैं, जिसमें से 13 खाली हैं, 15 इमारतों के बिजली और पानी कनेक्शन को काटा गया है.