C-452 increases Coast Guard strength

भारतीय नौसेना (Indian Navy) समुद्र में दुश्मन से ‘लोहा’ लेती है तो तटों के रक्षा की जिम्मेदारी तटरक्षक बल की होती है. पश्चिम (West) से लेकर दक्षिण (South) और

  • तटों की रक्षा और समुद्री अभियानों में कारगर
  • स्वदेशी व अत्याधुनिक तकनीक युक्त

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अरविंद सिंह

मुबई. भारतीय नौसेना (Indian Navy) समुद्र में दुश्मन से ‘लोहा’ लेती है तो तटों के रक्षा की जिम्मेदारी तटरक्षक बल की होती है. पश्चिम (West) से लेकर दक्षिण (South) और पूर्व में भारत की लम्बी समुद्री सीमाओं (Sea Borders) की रक्षा भारतीय तटरक्षक (Indian Coast Guard) करते हैं. विश्व की चौथी सबसे बड़ी ‘कोस्टगार्ड ताकत’ भारत (India) के पास अत्याधुनिक तकनीक से सज्जित छोटे-बड़े कई युद्धपोत हैं, जो लड़ाई के समय भारतीय नौसेना के साथ ‘कंधा से कंधा’ मिलाने को तत्पर रहते हैं.

 तटरक्षक बल का पश्चिमी बेड़ा काफी मजबूत है. छोटे-छोटे अभियानों में अक्सर छोटे लड़ाकू जहाज कारगर सिद्ध होते हैं. ऐसे छोटे लड़ाकू जहाजों को ‘इंटरसेप्टर’ (अवरोधक) कहते हैं. हाल ही में रत्नागिरी कोस्टगार्ड को सौंपा गया इंटरसेप्टर सी-452 पश्चिमी बेड़े के लिए समुद्र में काफी कारगर माना जा रहा है. यह सी-452 के तहत 54 इंटरसेप्टर बोट्स श्रंखला का 52वां जहाज है, जिसे पश्चिमी सी बोर्ड के अतिरिक्त महानिदेशक राजन बारगोत्रा ने ‍वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए कोस्टगार्ड को कमीशन किया था.

‘सचेत’ का जलावतरण

इससे पूर्व मई  में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गोवा में  ‘सचेत’ और 2 इंटरसेप्टर बोट्स सी-450 और  सी-451 को तट रक्षक बल को सौंपा था. भारतीय समुद्री इतिहास में पहली बार किसी पोत का जलावतरण कोविड-19 महामारी के कठिन प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे एहतियाती कदमों को ध्यान में रखकर डिजिटल माध्यम से किया गया था. ‘सचेत’ और लगातार कई ‘इंटरसेप्टर’ के शामिल होने से तटरक्षक बल का पश्चिमी बेड़ा काफी मजबूत हुआ है.

पश्चिमी बेड़े की ताकत

कोस्टगार्ड सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिमी बेड़े में करीब 15 बड़े जहाज हैं. मध्यम आकार के युद्धपोतों की संख्या 18 से 20 है और  छोटे जहाजों की संख्या 22 है. ये सभी युद्धपोत मुंबई, गोवा, मंगलूरू और कोच्चि को मिलाकर हैं.

जहाज की खासियत

  •  नौवहन और संचार प्रणालियों सहित अत्याधुनिक सेंसर से लैस, युद्ध पोत.
  • उष्णकटिबंधीय परिस्थितियों में संचालन करने में सक्षम.
  • C-452 पूर्णतया स्वदेशी तकनीक पर आधारित समुद्री तटरक्षक युद्धपोत है.
  • इसका निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को ध्यान में रखते हुए  भारत में ही किया गया है.
  • इसकी डिजाइन और निर्माण सूरत में स्थित लार्सन एंड टुब्रो द्वारा किया गया है.
  • C-452 इंटरसेप्टर 27 मीटर लंबा पोत है, जो अधिकतम 45 समुद्री मील (करीब 70 से  75 किमी प्रति घंटा) की गति से समुद्र में आगे बढ़ता है.
  • जहाज पर 12.7 एमएम की भारी मशीन गन लगी है, जो इस पोत का मुख्य शस्त्र है.
  • इस पोत से भारतीय तटरक्षक बल की ऑपरेशनल क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है.
  •  यह जहाज समुद्री-निगरानी, तस्करी की रोकथाम और राहत एवं बचाव आदि के लिए प्रयुक्त किया जाएगा.
  • तूफान आदि के समय यह युद्धपोत समुद्री मछुआरों को बचाने में कारगर साबित होता है.