मुंबई. मुंबई के लोकल ट्रेन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। अभिनव पहल के रूप में वीडियो निगरानी प्रणाली (VSS) इंस्टॉल किए गए हैं। महिला डिब्बों की निगरानी के लिए सभी रेकों के महिला डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे (CCTV Cameras) लगाने का की योजना बनाई गई है। मध्य रेलवे (Central Railway) के सीपीआरओ शिवाजी सुतार (CPRO Shivaji Sutar) के अनुसार, महिला यात्रियों की सुरक्षा को अधिक पुख्ता करने के लिए 10 उपनगरीय रेकों के महिला डिब्बों में 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
मुंबई मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों के संवेदनशील स्थानों पर कुल 3140 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सीसीटीवी स्थानों में उपनगरीय ट्रेनों के सभी महिला डिब्बों के साथ स्टेशनों पर मेल- एक्सप्रेस ट्रेनों की सुरक्षा के लिए कवर किया गया है। बताया गया है कि एफआरएस (फेस रिकग्निशन कैमरा) ऐप जीआरपी द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो चेहरे की पहचान से अपराधियों और उनके पिछले रिकॉर्ड का पता लगा सकता है। महिला सुरक्षा सहित यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा एवं अन्य सुरक्षा उपायों के लिए जीआरपी के साथ आरपीएफ का समन्वय रहेगा।
‘स्मार्ट सहेली’ अभियान सफल
लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रा करने वाली महिला यात्रियों के लिए पिछले वर्ष स्मार्ट सहेली योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत अकेले यात्रा कर रहीं महिलाओं की शिकायतों और आपात स्थिति से निपटने के लिए 85 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इन व्हाट्सएप ग्रुपों में आरपीएफ मेंटर (महिला आरपीएफ स्टाफ) हैं जो महिला यात्रियों को सहयोग करती हैं।
सीएसएमटी और एलटीटी स्टेशनों पर लेडी आरपीएफ स्टाफ
एक महिला सब इंस्पेक्टर और 2/3 महिला कांस्टेबल की दो टीमें बनाई गई हैं, जो नामांकित लंबी दूरी की ट्रेनों में ड्यूटी करती हैं। यानी 02809 (मुंबई-हावड़ा स्पेशल वाया नागपुर), 02189 (मुंबई-नागपुर स्पेशल) ) और 06345 (एलटीटी-एर्नाकुलम स्पेशल), 01071 (एलटीटी-वाराणसी स्पेशल)। ये टीमें ट्रेन के प्रस्थान से पहले महिला डिब्बों सहित सभी यात्री डिब्बों में प्रवेश करती हैं और यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की पहचान कर यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सभी सावधानियों व मदद के लिए जानकारी देती हैं।
ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा
प्लेटफॉर्म बंदोबस्त, सर्कुलेटिंग एरिया और मुंबई मंडल पर एक्सेस कंट्रोल के लिए महिला आरपीएफ कर्मियों की दो टीमों को स्टेशनों पर तैनात किया गया है। प्रत्येक टीम में एक महिला सब इंस्पेक्टर और 8 महिला कांस्टेबल शामिल हैं।रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए जीआरपी- होमगार्ड कर्मियों द्वारा रात में चलने वाली उपनगरीय ट्रेन सेवाओं का एस्कॉर्ट किया जाता है, ताकि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति या पुरुष महिला कोच में प्रवेश न करें। महिला डिब्बों में यात्रा करने वाले पुरुष यात्रियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत कुल 191 मामले 31 मई तक दर्ज कर उनसे 43,700 रुपये जुर्माना के रूप में वसूल किये गये।