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  • आरे से बंधा एमएमआरसीएल का बोरिया बिस्तर

मुंबई. मेट्रो-3 के लिए आरे में 2700 पेड़ो की बलि देने और 450 करोड़ रुपये स्वाहा होने के बाद आखिरकार कारशेड पर पूर्ण रुप से विराम लग गया. एमएमआरसीएल ने वहां से अपने शेड और दूसरे सामानों को हटाना शुरु कर दिया है. राज्य सरकार का यह निर्णय मेट्रो-3 के लिए बड़ा झटका था. पूरे प्रोजेक्ट का 80% से अधिक काम पूरा होने के बाद इस कारशेड के बिना भूमिगत परियोजना का भविष्य अधर में लटक गया है. इस फैसले से एमएमआरसीएल के अधिकारियों का सिरदर्द जहां एक तरफ बढ़ गया है, वहीँ दूसरी तरफ पर्यावरण प्रेमियों ने ख़ुशी जताई है और कहा है कि मुंबई का इकलौता ग्रीन लंग तबाह होने से बच गया है.

कोलाबा से बांद्रा होते हुए सीप्ज तक बने मेट्रो-3 के लिए आरे में बनाया जा रहा कारशेड विवादों में आ गया था. पर्यावरणविदों ने मुंबई के बीच एक मात्र जंगल को बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी अंततः उन्हें जीत मिली. चुनाव के समय आरे कारशेड बचाने की मुहिम को शिवसेना सहित दूसरी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया था. शिवसेना युवा नेता आदित्य ठाकरे ने आरे कारशेड हटाने का वादा किया था. बीजेपी से अलग होकर महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद पहला निर्णय आरे कारशेड के स्थगन के रुप में ही आया था. एमएमआरसीएल की तरफ से आरे में मशीनों को हटाने की प्रक्रिया शुरु करने पर यह स्पष्ट हो गया कि यहां कारशेड बनाने के सभी विकल्प समाप्त हो गए हैं.

 पर्यावरण रक्षकों ने खुशी जताई 

 33.5 किमी लंबे भूमिगत मार्ग के लिए आरे की 33 एकड़ भूमि पर कारशेड नहीं बनाये जाने के आखिरी मुहर पर पर्यावरण रक्षकों ने खुशी जताई है. आरे बचाव मुहिम की अगुवाई करने वाले जोरु बाथेना का कहना है कि हम लोगों की लड़ाई सफल हुई. सेव आरे मुहिम के सदस्य स्टालिन ने कहा कि सामान हटाने से यह साबित हो गया कि आरे का परिसर मुक्त रुप से सांस ले सकेगा. हम सबके लिए यह खुशी की बात है.

कारशेड निर्माण पर पूर्ण विराम लगा दिया!

 आरे में बन रहे कारशेड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो दिवसीय विधानसभा अधिवेशन में सरकार को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि यदि कारशेड वहां से हटाया गया तो सरकार को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. लेकिन सरकार ने अब तक परियोजना पर खर्च किए गए 450 करोड़ रुपये की परवाह किए बिना कारशेड निर्माण पर पूर्ण विराम लगा दिया है. मेट्रो 3 का कारशेड कहां बनेगा अभी उसके लिए जगह निश्चित नहीं की गई है. जब तक कारशेड नहीं बन जाता इस परियोजना का भविष्य अधर में ही रहेगा.इस संदर्भ में एमएमआरसीएल से जुडे़ अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया है.

कुर्ला स्टेशन को मेट्रो-2 बी से हटाने का विरोध

मुंबई महानगर में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार के काम में मेट्रो-2 बी जो डी एन नगर से मंडाला के बीच बन रही है, कुर्ला स्टेशन को हटा दिया गया है. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त आर ए राजीव को पत्र लिखकर मांग की है कि कुर्ला स्टेशन को इस लाइन से नहीं हटाया जाए. पात्र में कुर्ला स्टेशन का महत्व बताते हुए गलगली ने कहा है कि मेट्रो लाइन 2-बी पश्चिमी और पूर्वी उपनगरों को जोड़ती है और इसलिए कुर्ला स्टेशन महत्वपूर्ण है. मेट्रो 2 बी औरंगाबाद के डीपीआर और टेंडर में कुर्ला स्टेशन प्रस्तावित था, लेकिन अब इस स्टेशन को हटाया जा रहा है. अन्य बीकेसी स्टेशनों का विलय किया जा रहा है, लेकिन कुर्ला को सीधे तौर पर हटाया जा रहा है. कुर्ला स्टेशन यह कुर्ला टर्मिनस के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने सवाल पूछा है कि यदि एमएमआरडीए के इरादे वास्तव में प्रोजेक्ट के प्रति ईमानदार हैं, तो सार्वजनिक नोटिस देकर सार्वजनिक सुझावों, आपत्तियों और सूचनाओं को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया? उन्होंने यह भी कहा कि यह एक जांच का विषय है और यह समझ में नहीं आता है कि कुर्ला स्टेशन को क्यों हटाया जा रहा है.