सिटी सेंटर शॉपिंग माल की आग ने फिर खोली पोल

  • आगजनी में स्वाहा हो रही करोड़ों की मिल्कियत

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मुंबई. आगजनी से निपटने में बीएमसी की नाकामी की पोल एक बार फिर से खुल गई जब गुरुवार को रात 8.54 बजे मुंबई सेंट्रल स्थित सिटी सेंटर में लगी आग को पूरे 24 घंटे बाद काबू पाया जा सका, पर इससे पहले करोड़ों रूपये की संपत्ति जलकर खाक हो जाने की खबर आई. 

आग लगने और इसके भड़कने का पता तो जांच के बाद चलेगा पर यह सच है कि अगर समय रहते इस पर काबू पा लिया गया होता तो इसका तांडव देखने को ना मिलता.  

माल के पीछे 55 मंजिला रिहायशी इमारत

मुंबई सेंट्रल के पास सिटी सेंटर में जब आग लगी उस समय ग्राहक और मॉल के स्टाफ भी थे. आग लगने के बाद अफरातफरी मच गई. जो जहां था बच निकलने के भागने लगा. सिटी सेंटर तो 3 मंजिला है, लेकिन उसके पीछे की ऑर्किड एन्क्लेव इमारत 55 मंजिला है. रिहायशी इमारत होने के कारण लोग घर पर मौजूद थे. फायर ब्रिगेड के जवानों ने इमारत को खाली कराया. 3500 लोगों को बचा कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. पुलिस ने बेलासिस रोड़ को दोनों तरफ से बंद कर फायर टेंडर्स को जगह दी गई. देर रात महापौर किशोरी पेडणेकर, विधायक अमीन पटेल, स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव, अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी और मंगल प्रभात लोढ़ा ने वहां पहुंच कर जायजा लिया.

बीते महीनों मे लग चुकी है 5 बड़ी आग

इस महीने मुंबई में लगी 5 भीषण आग ने मुंबई को हिलाकर रख दिया है. जितनी आग लगी है, ज्यादातर शार्ट सर्किट के कारण लगी है. इसमें कई दुकानें जलकर राख हो गई. 2 दिन पहले दादर परिसर के बाजार पेठ में आग लगी थी. कई दुकानें जलकर खाक हो गई. हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई. 12 अक्टूबर को आईआईटी मार्केट जंक्शन पवई के पंजाब तड़का होटल में आग लगी थी. इसमें भी पूरा होटल जलकर राख हो गया. इससे पहले 4 अक्टूबर को मस्जिद बंदर के होलसेल मार्केट के रुप में मशहूर कटलरी मार्केट में लगी आग में 100 दुकानें जल गई. यहां भी आग को बुझाने में 3 दिन का समय लगा. फायर ब्रिगेड के 3 जवान आग बुझाते समय घायल हो गए थे. 1 अक्टूबर को चेंबूर स्टेशन के पास जनता मार्केट में आग लग गई थी. सुबह के समय लगी इस आग में  20 से ज्यादा दुकानें जल गई  थी. 23 अगस्त को फोर्ट के कावासाजी पटेल रोड़ स्थित बाहुबली इमारत में आग लगी थी. जिसमें दीपक दिलदार नामक युवक बुरी तरह झुलस गया था. इन स्थानों पर लगी आग का एक ही कारण शार्ट सर्किट था. मुंबई में हाई राइज इमारतों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन फायर ब्रिगेड को उतना सक्षम नहीं बनाया गया है. आग लगने के बाद सबसे बड़ी दिक्कत फायर ब्रिगेड के समय पर नहीं पहुंच पाना है. इससे आग कुछ ही मिनट में भयावह रुप धारण कर लेती है.  सिटी सेंटर में लगी आग भीषण होने कारण यह भी है कि वहां पर इलेक्ट्रॉनिक सामान बहुत ज्यादा रखे हुए थे. मोबाइल की भी कई दुकानें थीं. इसके अलावा ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर रेडीमेड कपड़े  रखे हुए थे. फायर ब्रिगेड की 10 से ज्यादा जंबो टैंकर और गाड़ियों को आग बुझाने के लिए लगाया गया है.

मुंबई फायर ब्रिगेड में एक चौथाई पद रिक्त

एक तरफ मुंबई में आगजनी और बिल्डिंग गिरने की घटनाएं बढ़ती जा रही है और इसके मद्देनजर मुंबई फायर ब्रिगेड को हाई टेक बनाने की बात चल रही है, जबकि दूसरी तरफ मुंबईकरों की जान-माल की रक्षा करने वाला मुंबई का फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट कम अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा फाइल एक आरटीआई से पता चला है कि मुंबई फायर ब्रिगेड में 25 प्रतिशत अधिकारी और कर्मियों के पोस्ट खाली हैं. गलगली ने चेताते हुए कहा है  कि अगर बीएमसी प्रशासन ने अब भी अपनी फायर ब्रिगेड टीम को चुस्त दुरुस्त नहीं रखा तो इसका खामियाजा लोगों को इसी तरह से भुगतना पड़ेगा. उन्होंने मांग की है कि फायर ब्रिगेड टीम को उन्नत टेक्नोलॉजी से लैस किया जाये.