मुंबई. बीएमसी स्कूलों (BMC Schools) की स्वच्छता, सुरक्षा और बिजली उपकरणों के रख रखाव के लिए नियुक्त किए ठेकेदार (Contractor) को लॉकडाउन (Lockdown) में बिना मेहनत के ही करोड़ों रुपए का फायदा हो गया।
ठेकेदार को तीन वर्ष के लिए 206 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था, लेकिन इसी ठेकेदारों को बीएमसी अधिकारियों ने बिना निविदा निकाले ठेकेदार की मदद करते हुए 160 करोड़ रुपए से ज्यादा का काम दिया। इससे ठेकेदार को कुल 368 करोड़ का ठेका मिल गया। वह भी ऐसे समय जब कोरोना (Corona) के कारण स्कूल बंद (Close) थे। स्कूलों के बंद रहते हुए भी 93 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए गए।
लगातार बढ़ाया ठेका
स्कूली इमारतों की सफाई और सुरक्षा के लिए वर्ष 2016-2019 इन तीन वर्षों के लिए धनुका समिति की शिफारिश के अनुसार, मुंबई के 338 स्कूलों की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन यह ठेके की तिथि 17 मार्च 2020 को समाप्त होने वाली थी। इन ठेकेदारों को फिर से काम देने का विरोध सभी नगरसेवकों ने किया था। समय खत्म होने से तीन महीना पहले ही निविदा निकालना अनिवार्य होते हुए भी ठेकेदारों का कार्यकाल 6 महीने बढ़ा दिया गया। गौरतलब यह है कि निविदा खत्म होने के तीन दिन बाद ही लॉकडाउन शुरु हो गया। नगरसेवकों के विरोध के बाद भी ठेके की समयसीमा दो बार बढ़ाई गई। इस दौरान मार्च से सितंबर तक स्कूल पूरी तरह से बंद थे। क्वारंटाइन वाले स्कूलों को छोड़कर सभी पर ताला लगा दिया गया था।
बिना निविदा निकाले ही ठेका बढ़ा दिया गया
जिन स्कूलों में क्वारंटाइन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। उसकी सफाई भी स्थानीय वार्डों ने अलग से सफाई कर्मी नियुक्त किए थे। फिर भी ठेकेदार को 31 और 33 करोड़ सफाई के लिए दिए गए। लॉकडाउन के दौरान बीएमसी के अन्य विभागों की तरफ से निविदा निकालकर ठेका दिया जा रहा था। फिर स्कूलों की सफाई के लिए नियुक्त ठेकेदार को बिना निविदा निकाले ही ठेका बढ़ा दिया गया। बीएमसी की स्थायी समिति में लाए गए प्रस्ताव के अनुसार इन ठेकेदारों को 160 करोड़ रुपये दिए गए।
- शहर के लिए बी वी जी इंडिया का मूल ठेका 65.18 करोड़ था जिसमें 49। 45 करोड़ की वृद्धि के साथ कुल 114.63 करोड़ दिए गए
- पूर्व उपनगर ब्रिक्स इंडिया का मूल ठेका 68.30 करोड़ था, 51.81 करोड़ वृद्धि करके कुल 120.11 करोड़ रुपए दिए गए
- पश्चिम उपनगर के लिए क्रिस्टल इंटिग्रेटेड का मूल ठेका 86.29 करोड़ रुपए का था जिसमें 57.86 करोड़ की वृद्धि के साथ कुल 134.15 करोड़ रुपए दिए गए
- मूल ठेका 209.78 करोड़ रुपए
- दी गई रकम 368.89 करोड़ रुपए