- किसान कानून करो बैन, नहीं तो कैबिनेट का बहिष्कार
मुंबई. बुधवार को ठाकरे सरकार की कैबिनेट मीटिंग से पहले हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. किसान कानून का जोरदार तरीके से विरोध कर रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने कहा कि जब तक इस कानून को महाराष्ट्र में लागू करने की कार्यवाही को रोका नहीं जाता, कांग्रेस मंत्री कैबिनेट की बैठक में भाग नहीं लेंगे. कांग्रेस के कड़े रुख को देखते हुए आखिरकार सीएम ठाकरे ने किसान कानून को महाराष्ट्र में लागू नहीं करने का फैसला किया है.
महाराष्ट्र विकास आघाड़ी में शिवसेना की सहयोगी दल कांग्रेस व राकां शुरू से केंद्र सरकार के किसान कानून का विरोध कर रहे थे. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के अलावा राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने इस कानून को राज्य में लागू नहीं करने का ऐलान किया था, जबकि शिवसेना इस बारे में धर्मसंकट में फंसी थी.अगस्त महीने में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष थोरात को पता चला था कि किसान बिल के कानून बनने से पहले इस बिल को लागू करने के लिए गुपचुप तरीके से कवायद चल रही थी.
इस कोशिश में राकां कोटे से सहकारिता मंत्री बने बालासाहेब पाटिल शामिल थे, लेकिन जैसे ही इस बिल के विरोध में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का बयान आया, पाटिल ने सचिव को आगे की कार्यवाही को स्टे करने को कहा. मंत्री के कहने के बावजूद सचिव स्तर के अधिकारी आगे की कार्यवाही में जुटे थे. हालांकि जब यह बात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थोरात तक पहुंची तो उन्होंने कहा कि जब तक आगे की कार्यवाही पर रोक नहीं लगती, कांग्रेस मंत्री कैबिनेट में भाग नहीं लेंगे.आखिरकार सहयोगी दलों के कड़े तेवर को देखते हुए सीएम ठाकरे को किसान बिल को लागू करने की आगे की कार्यवाही को रोक देने के आदेश देने पड़े हैं.