मुंबई. टीकाकरण (Vaccination) की ‘बैकबोन’ यानी रीढ़ की हड्डी कही जाने वाली कोविन पोर्टल एप (Co WIN App) ही रह-रहकर डाउन (Down) हो जा रही है। नतीजतन टीकाकरण के कार्य पर इसका काफी असर देखने को मिल रहा है। हद्द तो तब हो गई जब कुछ लाभार्थी अपना दूसरा डोज़ लेने तो गए, लेकिन कोविन एप का सर्वर डाउन होने के चलते उन्हें बिना टीका लिए ही लौटना पड़ा। मनपा अधिकारियों की माने तो सर्वर (Server) ही सिर दर्द बन गया है क्योंकि लाभार्थी के साथ केंद्रों पर काफी तू-तू, मैं-मैं होती है।
डोंगरी से वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के लिए आए डॉ. प्रकाश मेहता ने बताया कि पहले तो मुझे दूसरा डोज़ कब और कहां लेना है इसकी कोई भी जानकारी कोविन से नहीं मिली। चूंकि मैंने पहले डोज़ नायर अस्पताल में लिया था तो मैं मंगलवार को अपना दूसरा डोज़ लेने पहुंचा, करीब 2 से 3 घंटे कतार में खड़े रहने के बाद यह जानकारी दी गई कि कोविन सर्वर डाउन है अगले दिन आए, लेकिन अगले दिन भी वही परेशानी। हेल्थ केयर वर्कर वर्षा जोशी ने बताया कि मंगलवार को भी हमें वापस भेजा गया और आज भी कहा गया कि सर्वर डाउन है। हमें यह नहीं समझ में आता है बुजुर्गों को वैक्सीन दिया जा रहा है तब सर्वर ठीक है, लेकिन जो दूसरा डोज़ लेना आया उसके समय सर्वर डाउन हो रहा है। मनपा के एक प्रमुख टीकाकरण केंद्र के कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सर्वर डाउन होने के कारण ऑन द स्पॉट रेजिस्ट्रेशन (On the Spot Registration) नहीं हो पाता है, तब तक लाइन इतनी लंबी हो जाती है कि हमारे द्वारा की गई सुविधा भी अपर्याप्त लगती है।
बुजुर्ग फ्रेंडली नहीं है केंद्र
तीसरे चरण के टीकाकरण को इसलिए अहम कहा जा रहा है क्योंकि इस में बुजुर्गों और 45 से अधिक के लोग जो अन्य बीमारियों से जूझ रहे है उनका टीकाकरण किया जा रहा है। मनपा के कुछ टीकाकरण केंद्र में काफी अच्छी सुविधा की गई है, लेकिन कुछ केंद्र बुजुर्ग फ्रेंडली नहीं हैं। बुधवार को नायर अस्पताल के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे भरत ठक्कर ने बताया कि मैं पिछले 2.30 घंटे से खड़ा हूं। मैं डॉक्टर भी हूं और बुर्जुग भी, लेकिन यहां बुजुर्गों के लिए कोई अलग लाइन नहीं है। बुजुर्गों के लिए अलग लाइन और टीकाकरण के बूथ होते तो बेहतर होता। नायर अस्पताल के डीन डॉ. रमेश भारमल ने कहा कि सर्वर डाउन होने के कारण काफी दिक्कत आ रही है, जिसके चलते भीड़ भी बढ़ जाती है।
29 निजी अस्पताल में टीका
मुंबई की जनसंख्या का टीकाकरण करना मनपा के लिए उतना आसान नहीं है। मनपा के अनुरोध के बाद मुंबई के कुल 29 प्राइवेट अस्पतालों को टीकाकरण के लिए केंद्र ने अनुमति दे दी है। यानी मनपा का भार तो कम होगा ही साथ में मुंबईकरों को भी घर के समीप टीका लग जाएगा। हालांकि कई अस्पतालों को टीकाकरण कार्य शुरू करने में 2 से 3 दिन लगेंगे।
कहां स्थित अस्पताल
29 अस्पतालों में विक्रोली का सुश्रुषा, सायन के जी सोमैया, विले पार्ले के नानावटी, मुंबई सेंट्रल के वॉकहार्ट, गिरगांव के एच एन रिलायंस, चर्नी रोड के सैफी, माहिम के हिंदुजा, पावइ के हीरानंदानी, भायखला के मसीना, बांद्रा के होली फैमिली, माहिम के एसएल रहेजा, बांद्रा के लीलावती, बांद्रा के गुरु नानक, मरीन लाइंस के मुंबई अस्पताल, कम्बाला हिल के ब्रिज कैंडी, मुलुंड के फोर्टिस, ताड़देव के भाटिया, परेल के ग्लोबल, घाटकोपर के सर्वोदय, ताड़देव के जसलोक, बोरीवली के करुणा, घाटकोपर के हिंदू महासभा, वर्ली के एसआरसीसी, अंधेरी के कोकिलाबेन, गिरगांव के कॉन्वेस्ट एंड मंजुला बड़ानी, चेंबर के सुराना सेठिया, अंधेरी के होली स्पिरिट, परेल स्थित टाटा अस्पताल और ठाणे के कौशल्या मेडिकल फाउंडेशन ट्रस्ट का सामवेश है।
9941 बुजुर्गों ने लिया वैक्सीन
बुधवार को 9941 बुजुर्गों ने और 45 से अधिक उम्र के 1078 रोगियों ने वैक्सीने का डोज़ लिया। महज तीन दिन में 17926 बुजुर्गों ने और 45 से अधिक के 1928 रोगियों ने वैक्सीन लिया है। अबतक कुल 1,38,833 हेल्थ केयर वर्कर्स और 1,01,626 फ्रंटलाइन वर्कर्स ने वैक्सीन लिया है।