– 112 लोगों की हो चुकी है मौत
अनिल चौहान
भायंदर. शुरू में लगता था कि मीरा- भायंदर में कोरोना ज्यादा पैर नहींं पसारेगा और उस पर जल्द काबू पा लिया जाएगा, लेकिन हुआ इसके उलट. अनलॉक के बाद तो कोरोना बेकाबू हो गया है.पहले जहां रोजाना 1 से 10 केस मिलते थे, वहीं अब 75 से 145 केस मिलने लगे हैं.कोरोना के बढ़ते आंकड़े से लोग बेहद चिंतित और डरे हुए हैं.डर इतना कि कई लोग मानसिक रूप से परेशान हैं.
शहर में कोरोना का पहला पॉजिटिव मरीज 27 मार्च को मिला था. इसी महीने में और 4 मरीज मिले.इसी के साथ मार्च में 5 संक्रमित मरीज मिले.अप्रैल में 152 मरीज मिले.इनमें से 2 की मृत्यु हो गई.समय के साथ मरीजों का आंकड़ा बढ़ता चला गया.मई में 565 मरीज मिले, जबकि इस महीने में 27 मौतें हुई. जून के पहले सप्ताह में अनलॉक वन शुरू हुआ.इसके बाद से कोरोना कहर बरपाना शुरू कर दिया.
11 जून को रिकॉर्ड 145 मरीज मिले थे
इस महीने को समाप्त होने में अभी एक सप्ताह बचा है.लेकिन अभी तक इस महीने में 1665 मरीज मिल चुके हैं.जबकि 83 मौतें हो चुकी हैं.11 जून को रिकॉर्ड 145 मरीज मिले थे.इस तरह अब तक 2387 कोरोना मरीज मिल चुके हैं.112 मौतें हुईं हैं,जबकि 1390 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं.कोरोना काबू में करने की पूरी कमान आयुक्त चंद्रकांत डांगे संभाल रहे थे.अब उनका तबादला हो चुका है.सत्तापक्ष व विरोधी पक्ष दोनों ही उन पर जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिए बिना ही काम करने का आरोप लगाते रहे हैं.
तबादले से नहीं रुकेगा कोरोना
आयुक्त के तबादले से कोरोना महामारी नहीं रुकेगी.इसे रोकने के लिए राज्य सरकार मीरा-भायंदर पर विशेष ध्यान और धन दें.अतिरिक्त डॉक्टर्स-नर्स और दवाइयां मुहैया कराए.नए अस्पताल खुलवाये और उसमें बड़ी संख्या में ऑक्सीजन व आईसीयू बेड की व्यवस्था करें. -ज्योत्स्ना हसनाले,महापौर
सत्तापक्ष को सिर्फ ठेके की फिक्र
हकीकत यह है कि मनपा में सत्ताधारी दल भाजपा का अधिकारियों पर अंकुश नहीं है और उन्हें साथ लेकर काम नहीं कर पा रही है.कोरोना से बचाव व उसकी रोकथाम का काम मनपा में विपक्षी दल शिवसेना कर रही है.सत्ताधारी लोगों को सिर्फ ठेके लेने-देने की फिक्र है।उन्हें कोविड को काबू में करने से लेना-देना नहीं है.राज्य सरकार 10 करोड़ रुपये की पहली किस्त दे चुकी है.दूसरी किस्त से 376 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया जा रहा है. -प्रताप सरनाईक, शिवसेना विधायक