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  • बीएमसी पर आई एफडी तोड़ने की नौबत

मुंबई. देश की आर्थिक रूप से सर्वाधिक संपन्न मुंबई महानगर पालिका की भी कमर कोरोना ने तोड़ दी है. बीएमसी की ऐसी हालत हो गई है कि उसकी कमाई 41 प्रतिशत घट गई है. अब बीएमसी के पास आम जनता को सेवा सुविधा देने और प्रोजेक्ट को पूरा करने  के लिए फिक्स डिपॉजिट तोड़ने की नौबत आन पड़ी है.

 बीएमसी के लिए कोरोना काल में चुंगी सहारा बनी है जो कि जीएसटी शुरु होने के बाद राज्य सरकार से मिलने वाली सहायता राशि है. बीएमसी को अप्रैल से अगस्त महीने तक हुई कुल 4,905 करोड़ रुपये की कमाई में से 3,247 करोड़ रुपया सरकार से मिला अनुदान है. बीएमसी को पिछले साल अप्रैल से अगस्त तक कुल 8,320 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 41 फीसदी कम है.

कोरोना ने खर्च बढाया, इनकम घटाया

इसके अलावा, कोरोना महामारी ने सिर्फ बीएमसी ही नहीं, आम जनता की भी कमर तोड़ कर रख दी है. कोरोना महामारी से निपटने के लिए मनपा को अपना सब कुछ दांव पर लगाना पड़ रहा है. मुंबई में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या रोज चिंता बढ़ा रही है. मरीजों को सुविधा देने के लिए अब कर्मचारियों और ठेकेदारों को भुगतना करने के लिए बैंकों में रखे फिक्स डिपॉजिट को तोड़ने की नौबत आ गई है. कोरोना महामारी के कारण बीएमसी का खर्च तो कई गुना बढ़ गया, लेकिन आय आधी हो गई. बीएमसी के 2020-21 बजट का लगभग 70 प्रतिशत राशि 5 महीने में खर्च हो चुकी है, जबकि महामारी पर काबू पाने का कोई मार्ग बीएमसी को नहीं दिख रहा है.  

कोरोना कंट्रोल में खर्च हुए 900 करोड़

कोरोना महामारी को रोकने के लिए अभी तक लगभग 900 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग पर अलग से 131 करोड़ रुपया खर्च किया गया है, जबकि पिछले साल 125 करोड़ खर्च हुआ था. बीएमसी को सरकार से मिलने वाले अनुदान के अलावा कमाई का दूसरा मुख्य श्रोत प्रॉपर्टी टैक्स है. इस वर्ष अभी तक इस विभाग से मनपा को मात्र 165 करोड़ कमाई हुई है, जबकि पिछले साल अब तक 830 करोड़ की कमाई हो गई थी. विकास नियोजन विभाग में पिछले साल 1271 करोड़ की कमाई हुई थी, लेकिन इस साल अब तक मात्र 261 करोड़ की कमाई हुई. इसका मुख्य कारण यह है कि विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है. बीएमसी को एफडी पर पिछले साल 1,017 करोड़ रुपये ब्याज से मिला था और इस साल घटकर मात्र 467 करोड़ रुपये रह गया. पानी और सीवरेज से मिलने वाली कमाई पिछले साल 498 करोड़ थी और इस साल अभी तक 183 करोड़ हुई है. इसी तरह अन्य विभागों से कुल 928 करोड़ रुपये की आय हुई थी जबकि इस साल मात्र 581 करोड़ हुई है.

 आगे और बढ़ सकती है मुसीबत

जानकार बता रहे हैं कि कोरोना का कहर ऐसे और कुछ महीनों तक चलता रहा तो मनपा के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी. मनपा सदन में अभी 2020-21 का बजट 15 दिन पहले मंजूर हुआ है. मनपा प्रशासन ने अपने सभी विभागों, स्वास्थ्य विभाग को छोड़कर जिन्हें बजट दिया गया है उन्हें निर्देश दिया गया है कि कुल खर्च में इस साल 20 प्रतिशत की कटौती करे, जिससे कोरोना महामारी में लगने वाले खर्च को पूरा किया जा सके. मनपा को इस साल लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए फिक्स डिपॉजिट तोड़ने की नौबत आ गई है.