Dharavi

    Loading

    मुंबई. दूसरी लहर (Second Wave) के शांत होने के बाद अब स्लम (Slum) वासियों को कोरोना (Corona) से सबसे अधिक राहत मिल रही है, क्योंकि झुग्गियों-झोपड़ियों में कोरोना सिमट गया है।  मुंबई के स्लम में केवल 5 एरिया ही कंटेंमेंट जोन (Containment Zone) में है। जबकि शहर की इमारतें अब भी कोरोना की गिरफ्त में हैं। 

    1 मई जब कोरोना की दूसरी लहर उफान पर थी तब मुंबई में सबसे अधिक 111 स्लम और 979 इमारतें कोरोना की गिरफ्त में थी। धीरे-धीरे मामलों में गिरावट कम होते चली और कंटेंमेंट जोन की संख्या भी घटती चली गई। कोरोना के केसेस अब स्टेबल यानी स्थिर हो गए हैं। रोजना शहर में 500 से 600 नए संक्रमित मिल रहे हैं।  इसमें भी अधिक्तर केसेस इमारतों में मिल रहे हैं।  महानगरपालिका  स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार मुंबई के केवल 5 स्लम कंटेंमेंट जोन है।  महानगरपालिका  की उपकार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि लॉकडाउन और कंटेंमेंट पॉलिसी ने मामलों को नियंत्रण में लाने के लिए काफी मदद की है। स्लम के लोग वायरस को काफी हद्द तक एक्सपोज़ हुए हैं, कई सिरो सर्वे में स्लम के रहिवासियों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली है। यह संकेत है कि कही न कहीं लोगों हर्ड इम्युनिटी बन रही है।  यही कारण है कि स्लम में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या काफी कम हो गई है। 

    भांडुप और अंधेरी ईस्ट की गलियों में कोरोना

    मुंबई के लगभग सभी स्लम कोरोना मुक्त हो गए हैं।  अब केवल 5 कंटेंमेंट जोन है, जिसमें 3 भांडुप के स्लम है और 2 अंधेरी ईस्ट के स्लम कंटेंमेंट जोन की सूची में हैं।  जबकि अन्य सभी वार्ड के स्लम फिलहाल के लिए कोरोना मुक्त है। 

    कंटेंमेंट जोन में 65 इमारतें

    मुंबई के इमारतों में अब भी कोरोना के केसेस मिल रहे हैं। वर्तमान में शहर के 65 इमारतें कंटेंमेंट जोन में हैं।  सबसे अधिक 24 इमारतें अंधेरी पश्चिम में सील हैं, जबकि दक्षिण मुंबई  के ग्रांट रोड क्षेत्र की 11 इमारतें सील है।  फिलहाल मुंबई के 12 वार्ड के इमारतें कोरोना मुक्त हैं। 

    इमारत वालों में हर्ड इम्युनिटी कम

    स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इमारत वाले कही न कहीं वायरस को एक्सपोज़ नहीं हुए हैं, यानी उनमें हर्ड इम्युनिटी उतनी विकसित नहीं हुई है, जितना स्लम वालों में हुई है।  यही कारण है कि इमारतों में अब भी केसेस अधिक मिल रहे हैं।