पीएम की दूरदर्शिता से कोरोना हुआ कंट्रोल

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– बोले- प्रतापगढ़ के भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता आत्म निर्भर बनेगा भारत

– कोरोना काल ने दिखाई नई राह

मुंबई. कोरोना से भारत ही नहीं, पूरी दुनिया परेशान है. कोरोना के चलते लॉकडाउन से देश की जनता खासकर दिहाड़ी मजदूर और गरीब भुखमरी की कगार पर पहुंच गए थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति से इस समस्या पर अब काफी हद तक काबू पा लिया गया है. इस समय पूरे देश में गरीब व जरूरतमंदों की सहायतार्थ अभियान चलाकर मदद की जा रही है. कोरोना पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार तमाम तरह की मेडिकल सुविधा मुहैया करा रही है.शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण हर जगह रोजी- रोजगर के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने देश के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है, उसमें जनता को सहयोग देना होगा. यूपी के प्रतापगढ़ से भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता ने कोरोना काल से उपजी परिस्थियों पर हमारे प्रतिनिधि के सामने अपनी बात रखी. प्रस्तुत है उसी के कुछ खास अंश:-

कोरोना काल को आप किस नजरिए से देखते हैं ?

देखिए, कोरोना वायरस से हमीं नहीं, पूरी दुनिया परेशान है. कोरोना काल में जीवन शैली पूरी तरह से बदल गयी है. लोग आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. इस संक्रमण काल को हमें एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा. इस महामारी से निजात पाने के लिए जो सरकारी दिशा- निर्देश हैं, उसका पालन करना होगा, तभी इस महामारी पर विजय प्राप्त होगी.

विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार कोरोना को कंट्रोल करने में पूरी तरह विफल है?

कोरोना को कंट्रोल करने में केंद्र सरकार पूरी तरह से सफल रही है. यह बात मैं दावे से कह रहा हूं. इटली, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन इन देशों की अपेक्षा भारत आज काफी बेहतर स्थिति में हैं.इसका एक मात्र कारण यही है कि प्रधानमंत्री ने यहां समय से लॉकडाउन का निर्णय लिया.अगर ऐसा नहीं होता तो कोरोना कंट्रोल में नहीं होता और देश की स्थिति काफी भयावह होती. जहां तक बात विपक्ष के शोर-शराबे की तो, उसका वही काम है,जो वह कर रहा है. सरकार का जो काम है, वह सरकार कर रही है. विपक्षी नेता राहुल गांधी के पास काम-धाम तो है नहीं, ऐसे में बिना सिर पैर की बातें कर रहे हैं. उनको  बोलने दीजिए.राहुल की कौन सुनता है.

महाराष्ट्र में दिन प्रतिदिन कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. राज्य की जनता काफी चिंतित है. क्या राज्य सरकार ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है ?

कोरोना को नियंत्रित करने में महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह असफल रही.मुंबई से जिस तरह श्रमिक भूखे जान जोखिम में डालकर पैदल घर गए, वह महाराष्ट्र सरकार की नाकामयाबी बयां कर रही है. कोरोना से निपटने के लिए यहां कोई कारगर कदम नहीं उठाया  गया.मजदूरों के लिए यहां न तो खाने की ठीक से व्यवस्था की गई और न ही उनके लिए रहने का इंतजाम किया गया.महाराष्ट्र में कोरोना का मुकाबला करने की बजाय मुख्यमंत्री ठाकरे सरकार बचाने के लिए सहयोगी दलों को खुश करने में व्यस्त हैं.

‘नवभारत’ के पाठकों के लिए आपका कोई संदेश ?

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की बात तो मैं नहीं करता. जहां तक प्रिंट मीडिया का सवाल है आज भी इसकी विश्वसनीयता बरकरार है. समाचार पत्र को न्यायालय साक्ष्य के रूप में ग्राह्य करता है. समाचार पत्र आम जनता के लिए सूचना का साधन है. ‘नवभारत’ के पाठकों को मेरा यही संदेश है कि कोरोना काल में जिस तरह से ‘नवभारत’ ने जोखिम लेकर लोगों के लिए प्रकाशन जारी रखा, उसी तरह पाठक भी ‘नवभारत’ से अपना लगाव जारी रखें.