कोरोना कोई सामाजिक कलंक नहीं

Loading

मुंबई. नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी अविनाश पांडेय  भी कोरोना संक्रमित हो गए थे.अंबरनाथ (पूर्व) के रहने वाले पांडेय को बुखार आ रहा था. उन्होंने अपने फेमिली डॉक्टर को 20 मई को दिखाया. डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने 21 को कोरोना टेस्ट कराया.22 मई की रात्रि उन्हें कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट मिली. अंबरनाथ मनपा ने उनकी सिफारिश पर उन्हें 23 को कोलाबा स्थित नेवी के अस्पताल अश्विनी में शिफ्ट करा दिया.

पांडेय नेवी के ऑफिसर थे, इसलिए उन्होंने वहां की व्यवस्था के हिसाब से अश्विनी हॉस्पिटल जाना उचित समझा, लेकिन वहां उन्हें उचित ट्रीटमेंट नहीं मिला.

डॉक्टर भी सही समय पर नहीं आते 

पांडेय के अनुसार जिस दिन वे वहां पहुंचे, कुछ घंटे इंतजार के बाद उन्हें एडमिट किया गया और उनका अच्छा ट्रीटमेंट नहीं हुआ. खान-पान की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी, साफ-सफाई भी वहां पहले जैसी नहीं रही. पांडेय ने कहा कि कई दिन बाद उनका बेड शीट चेंज होता था. डॉक्टर भी सही समय पर नहीं आते थे और स्टाफ का व्यवहार भी अच्छा नहीं था.पांडेय ने वहां के अधिकारियों से स्वयं को अंबरनाथ सिटी हॉस्पिटल शिफ्ट करने का आग्रह किया. 29 मई को वे अंबरनाथ स्थित सिटी हॉस्पिटल आ गए. सिटी हॉस्पिटल में उन्हें अच्छा ट्रीटमेंट मिला. खान-पान भी वहां अच्छा था, डॉक्टर से लेकर पूरा स्टाफ उनका समय-समय पर ख्याल रखता था, साफ-सफाई भी अच्छी थी. पांडेय अब ठीक हो गए हैं. 

घबराना नहीं चाहिए

सोमवार को मनपा सिटी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर आ गए हैं. इस समय वे होम क्वारंटाइन अवधि पूरा कर रहे हैं. पांडेय ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति से घृणा नहीं करनी चाहिए. यह कोई सामाजिक कलंक नहीं है. यदि किसी को हो जाए तो इससे घबराना नहीं चाहिए. योग करके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी चाहिए. सामान्य रूप से यह 7 दिन में ठीक हो जाता है.