Caution: workers of Sevagram and Savangi hospitals also turned positive

Loading

  • बी वार्ड में सिंगल डिजिट में पहुंची मरीजों की संख्या

मुंबई. जब मुंबई के सभी वार्डों में कोरोना मरीजों की संख्या रोज दोहरे, तिहरे डिजिट में मिल रही है. ऐसे में बी वार्ड, सैंडहर्स्ट रोड़, डोंगरी, उमरखाड़ी जैसे इलाके में कोरोना मरीजों की संख्या सिंगल डिजिट में मिलना दिखाता है कि वार्ड स्तर पर अथक परिश्रम किया गया है. एक सप्ताह से कोरोना मरीजों की संख्या सिंगल डिजिट में चल रही है. 6 जून को इस वार्ड में एक भी मरीज नहीं मिले. 

इस वार्ड में कोरोना की शुरुआत में ही जब यहां छिटपुट मरीज मिल रहे थे कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर जोर देते हुए चेज दि वायरस फार्मूले का पूरी तन्मयता से पालन किया गया.वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश का पालन करने का  परिणाम यह हुआ कि यहां अब कोरोना पूरी तरह से काबू में है. 

कोरोना मरीजों की संख्या केवल 805  

दक्षिण मुंबई के बी विभाग के अंर्तगत सैंडहर्स्ट रोड़, डोंगरी, उमरखाड़ी, भिंडीबाजार का कुछ इलाका, मस्जिद बंदर का क्षेत्र, मोहम्मद अली रोड़, पायधुनी जैसे व्यस्ततम इलाके आते हैं. मुंबई के 6 वार्डों में कोरोना मरीजों की संख्या 5000 से ऊपर चली गई है, लेकिन बी वार्ड अकेला वार्ड है जिसमें कोरोना मरीजों की संख्या केवल 805 है. नये मरीज की संख्या तो घटी ही है, एक्टिव मरीजों की संख्या भी कम रह गई है.

मरीजों की संख्या नियंत्रित 

इस वार्ड में मरकज से आये कुछ लोगों के कारण कोरोना का प्रसार हुआ, कुछ गल्फ से आए थे जो संक्रमित थे. इन सबके बावजूद हेल्थ वर्कर और वार्ड कर्मचारियों ने  मरीजों के संपर्क में आने वालों को समझाकर पृथक्करण करने में सफल रहे. इस वार्ड में जो इलाके आते हैं वहां के लोगों को समझाना मुश्किल काम माना जाता है उसके बाद भी सहायक मनपा आयुक्त नितिन आर्ते लोगों को समझाने में कामयाब रहे. 30 जून से यहां मरीजों की संख्या कम होनी शुरु हुई थी जो अब तक नियंत्रित है. 30 जून को 12 मरीज मिले थे. 1 जुलाई को 5, 2 जुलाई को 6, 3 जुलाई को 4, 4 जुलाई को 11, 5 जुलाई को 1, 6 जुलाई को मरीजों की संख्या 0 और 7 जुलाई को 4 मरीज मिले थे.

अब तक 520 मरीज ठीक हो चुके

अब तक 520 मरीज ठीक हो चुके हैं. 64 मरीजों की मौत हुई है. सक्रिय मरीज 218 हैं. मरीजों के दोगुना होने की दर 88 दिन है.  यहां पर मृतक दर अन्य वार्डों की अपेक्षा थोड़ी अधिक 8 फीसदी है. नितिन आर्ते का कहना है कि उनके वार्ड में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या अधिक है. इसके अलावा यहां की इमारतों में घर बहुत छोटे होने के कारण जगह की कमी की वजह से घर में लोग संक्रमित हो गए. 

शुरु से ही स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ाकर घर-घर संपर्क मुहिम चलाई गई. बड़ी संख्या में खोज अभियान के चलाने, हाई रिस्क, लो रिस्क वालों को क्वारंटाइन करके होटलों में रखने के कारण कोरोना काबू में रहा. होटलों को कब्जे में लेकर सीसीसी-1 बनाया गया था. स्कूलों को भी क्वारंटाइन सेंटर बनाने की योजना तैयार थी, लेकिन उसकी जरूरत ही नहीं पड़ी. लोगों को समझाने के बाद सहयोग करने लगे साथ ही पुलिस का भी पूरा सहयोग मिला.  – नितीन आर्ते, सहायक मनपा आयुक्त, बी विभाग