जनवरी से मिलेगी कोरोना की वैक्सीन!

  • नवभारत से बातचीत में बताया अदार पूनावाला ने

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आनंद मिश्र 

मुंबई. पुणे स्थित दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादन करने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कहा है कि जानलेवा कोरोना वायरस से जनित बीमारी से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियाँ चल रही हैं और इंस्टिट्यूट ने 4 करोड़ वैक्सीन की डोज बिना किसी सरकारी अप्रूवल के तैयार भी कर ली है. यदि सब कुछ ठीक रहा तो भारत में नई साल की शुरुआत से कोरोना संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है. 

एसआईआई का मानना है कि 4 करोड़ डोज का यह उत्पादन स्टॉक पाईलिंग के लिए किया गया है और जैसे ही जरूरी अप्रूवल मिलेगा, वैक्सीन का व्यापक पैमाने पर प्रोडक्शन शुरू कर दिया जायेगा.

4 बड़ी कंपनियों से करार 

एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने नवभारत से बातचीत में बताया कि चूँकि वैश्विक संकट से निपटने इंस्टिट्यूट की जिम्मेदारी बढ़ गई है और इसने वैक्सीन के उत्पादन के लिए विश्व की 4 बड़ी कंपनियों से करार किया है, इसलिए इंस्टिट्यूट अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 1875 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है. ग़ौरतलब है कि एसआईआई ने विश्व स्तर पर इसकी डोज तैयार करने के लिए एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अलावा 3 और कैन्डिडेट से समझौता भी किया है. हालांकि सरकार ने अभी तक किसी भी वैक्सीन को फाइनल अप्रूवल नहीं दी है. 

वैक्सीन से चिंता की कोई बात नहीं 

वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के बारे में पूनावाला ने बताया कि ट्रायल्स से प्राप्त डेटा बताते हैं कि इस वैक्सीन (कोवीशील्ड) से चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि अब तक हजारों लोगों ने इसे भारत और विदेशों में बिना किसी सुरक्षा चिंताओं के साथ इसका डोज लिया है. जहां तक लॉन्गटर्म साइड इफ़ेक्ट की बात है तो इसका पता डोज लेने के 2 या 3 साल बाद ही चलेगा.