Sharad Pawar

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  • किसान कानून पर बनी रणनीति 
  • शिवसेना, राकां नरम, कांग्रेस का कड़ा विरोध  

मुंबई. महाराष्ट्र में किसान कानून को लागू करने को लेकर ठाकरे सरकार में शामिल दलों के बीच गतिरोध है. सूत्रों के मुताबिक इस कानून को लेकर शिवसेना व राकां का रवैया नरम है, जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात समेत अन्य नेताओं ने ने साफ तौर से कहा है कि वे किसी भी कीमत पर इस कानून को राज्य में लागू नहीं होने देंगे. ऐसे में राकां अध्यक्ष शरद पवार ने अपनी पार्टी की रणनीति को लेकर मंत्रियों के साथ खास बैठक की. पवार अपने मंत्रियों से यह जानना चाहते हैं कि इस कानून को लेकर उनके मन में क्या चल रहा है. दिल्ली जाने से पहले पवार अपनी रणनीति फाइनल कर लेना चाहते हैं, ताकि इस पर अंतिम फैसला लिया जा सके.

शरद पवार का मत है कि इस कानून की कुछ खामियों को दूर कर लेने से बात बन सकती है. वे चाहते हैं कि किसानों को उनकी फसल के लिए दिए जाने वाली न्यूनतम समर्थन  मूल्य ( एमएसपी ) की प्रक्रिया को आगे भी जारी रखा  जाए. हालांकि जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के कड़े तेवर को देखते हुए शिवसेना व राकां के लिए किसान कानून को महाराष्ट्र में लागू करना मुश्किल है. महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस व राकां गठबंधन की सरकार है. ऐसे में किसी भी कानून को लागू करने के लिए तीनों दलों की सहमति आवश्यक है.  

किसान कानून की समीक्षा 

उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष शरद पवार की मंत्रियों के साथ हुई बैठक में किसान कानून की समीक्षा की गई है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में हम लोगों ने किसान कानून के अलावा कामगार कानून को लेकर चर्चा की है. अजीत ने कहा कि इस बारे में दिल्ली में बाकी नेताओं के साथ चर्चा करने के बाद शरद पवार पार्टी की भूमिका साफ करेंगे. 

किसान व कामगार कानून का पुरजोर विरोध  

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बालासाहेब थोरात ने मोदी सरकार के किसान व कामगार कानून का पुरजोर विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह कानून किसानों व कामगारों के हित के खिलाफ है. थोरात ने कहा कि इस बारे में वे जल्द ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि यह कानून सिर्फ देश के कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए पास किया गया है. उन्होंने यह बात मुंबई के तिलक भवन में आयोजित कामगार प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के बाद कही. इस बैठक में कांग्रेस विधायक व कामगार नेता भाई जगताप के अलावा  विश्वास उटगी, इंटक के कैलाश कदम, दिवाकर दलवी, निवृति देसाई, ऑल इंडिया ट्रेड युनियन के कृष्णा भोईर, उदय चौधरी, सेंट्रल ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि मौजूद थे.