कोविड ड्यूटी में लगे बीएमसी शिक्षक की मृत्यु, कोरोना के हुए शिकार

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– शिक्षा विभाग पर लापरवाही का आरोप

मुंबई. कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल बीएमसी के कई विभाग के कर्मचारियों ने अपने प्राण गंवाए हैं. अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी हों या पुलिस या फिर अग्निशमन दल के कर्मचारी और अब इस बीमारी ने बीएमसी के एक शिक्षक को भी अपना शिकार बनाया है. शिक्षक की हुई मौत का जिम्मेदार अब बीएमसी के शिक्षा विभाग द्वारा की गई लापरवाही को ठहराया जा रहा है.

शारीरिक शिक्षण के शिक्षक जगदीश चौधरी एन वार्ड स्थित बीएमसी के बर्वे नगर स्कूल में कार्यरत थे. कोरोना महामारी के दौरान उनकी ड्यूटी मुक्ताबाई कोविड केअर सेंटर में लगाई गई थी. ड्यूटी के दौरान वे कोरोना से ग्रसित हुए और 29 जून को उनकी मृत्यु हो गई. सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल महाराष्ट्र के शिक्षकों के संगठन शिक्षक भारती ने शिक्षक की मौत का जिम्मेदार बीएमसी के शिक्षा विभाग असिस्टेंट ऑफिसर (एओ) को ठहराया है. 

परिवार भी पॉजिटिव, अस्पताल में भर्ती 

संगठन के कार्याध्यक्ष सुभाष मोरे ने बताया कि शिक्षक की 11 मई को ड्यूटी लगाई गई थी. नियम के मुताबिक उन्होंने 15 दिन ड्यूटी भी कर ली, लेकिन इसके बावजूद उन्हें छुट्टी देने के बजाय 45 दिनों तक काम कराया गया. उनका पहले ऑपेरशन भी हुआ था. उन्होंने अधिकारियों को अपनी फ़ाइल भी दिखाई, परंतु उनकी एक नहीं सुनी. 21 जून को वे पॉजिटिव पाए गए.फिलहाल उनका परिवार भी पॉजिटिव है और अस्पताल में भर्ती है. यह बीएमसी के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कि एक शिक्षक की मौत हो गई. हमारी मांग है कि अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाए.

यह बेहद दुखद घटना 

इस संदर्भ में जब नवभारत ने बीएमसी के एजुकेशन ऑफिसर महेश पालकर से बात की तो उन्होंने कहा कि उनकी ड्यूटी हेल्थ पोस्ट पर हाई रिस्क और लौ रिस्क कांटेक्ट ट्रेसिंग के साथ सर्वे और रिपोर्ट में मदद करने के लिए एन वार्ड के सहायक आयुक्त ने लगाई थी. यह बेहद दुखद घटना है और आगे ऐसा न हो इसलिए हमने शिक्षकों की ड्यूटी 15 दिन की करने का निर्णय लिया है.

शिक्षक के परिवार को मिले न्याय

विधायक कपिल पाटिल और शिक्षक भारती ने बीएमसी आयुक्त को पत्र लिखकर मृतक शिक्षक के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक राशि देने की मांग की है. शिक्षक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की है.इसके अलावा शिक्षक की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हो व शिक्षकों को कोविड ड्यूटी से मुक्त किया जाए.