महाराष्ट्र : मुसीबत बता कर नहीं आती पर कुछ सावधानिया हमें भी बरतनी चाहिए। हद से ज्यादा किसी भी चीज का किया गया उपयोग हमेशा भारी पड़ता हैं। जिस हादसे के बारें में हम आपको बताने जा रहे हैं, उस हादसे में बैलगाडी में क्षमता से ज्यादा प्रदर्शनकारी थे। जिस वजह से बैल उनका वजन सेहन नहीं कर पाए और धाड़ से बैलगाड़ी गिरी।
मंहगाई के खिलाफ महाराष्ट्र कांग्रेस ने देशव्यापी आंदोलन का आव्हान किया है। हर दिन राज्य के अलग-अलग जिले में कांग्रेस के कार्य़कर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को कांग्रेस के कार्यकर्ता मुंबई में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर बैलगाड़ी पर प्रदर्शन कर रहे थे। तभी अचानक बैलगाड़ी गिर गई। जिस समय बैलगाड़ी गिरी उस समय बैलगाड़ी पर नेता और कई कार्यकर्ता मौजूद थे। हालांकि इस हादसे में किसी को भी कोई गंभीर चोट नहीं आई है।
प्रदर्शन के जरिये केंद्र को संदेश कम करे बढ़ते दाम
#WATCH | Maharashtra: A bullock cart, on which Congress workers and leaders were protesting in Mumbai today, collapses. They were protesting against the fuel price hike. pic.twitter.com/INqHWpNi7C
— ANI (@ANI) July 10, 2021
इसे पहले औरंगाबाद में कांग्रेस समिति ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता शहर में ऊंट, बैलगाड़ी और साइकिलों पर निकले। प्रदर्शन में शामिल हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था, कि हम केंद्र को संदेश देना चाहते हैं और मांग करते हैं कि बढ़ती कीमतों को तुरंत कम किया जाए।
मुंबई में पेट्रोल पहुंचा 106.93 रुपए प्रति लीटर
मुंबई में शनिवार को पेट्रोल 106.93 रुपए और डीजल 97.46 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इससे पहले बुधवार और गुरुवार को पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई थी। शुक्रवार को भाव स्थिर रहा, लेकिन शनिवार को एक बार फिर भाव बढ़ गया है।
जुलाई में 6 बार बढ़ी पेट्रोल की कीमतें
जुलाई में अब तक पेट्रोल की दरों में छह बार और डीजल की दरों में चार बार इजाफा हो चुका है। इससे पहले जून में पेट्रोल-डीजल की दरों में 16 बार वृद्धि हुई थी। मई में भी ईंधन की दरों में 16 बार वृद्धि हुई थी। पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में चुनाव होने के बाद से ही 4 मई से पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन चुनावों के दौरान लगातार 18 दिनों तक ईंधन की दरें स्थिर थीं। चुनाव परिणाम जाहिर होते ही ईंधन की दरें तेजी से बढ़नी शुरू हो गईं।