मुंबई में बढ़ा डेंगू, मलेरिया, लेप्टो का खतरा, एक महीने में दोगुनी हुई मानसूनी बीमारी

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    मुंबई. मुंबई (Mumbai) में जहां कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है, वहीं डेंगू, मलेरिया, गैस्ट्रोएंटेराइटिस और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बारिश से होने वाली बीमारियों से मरीजों की संख्या एक महीने में लगभग दोगुनी हो गई है। इससे मुंबईकरों की टेंशन बढ़ गई है। सौभाग्य से, मानसून के मौसम में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। लेकिन मरीजों की संख्या में वृद्धि ने नागरिकों को अधिक देखभाल करने की आवश्यकता पैदा कर दी है।

    मुंबई में मानसून के आगमन के बाद से ही बीएमसी बारिश की बीमारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से आवश्यक कार्यवाई कर रहा है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में बारिश का मौसम सिर पर चढ़कर बोल रहा है। वर्ष 2020 में एक वर्ष में मलेरिया के 5,007 मामले सामने आए थे जबकि एक की मौत हुई थी। लेप्टो के 240 मामले, 8 मौतें, डेंगू के 129 मामले, 3 मौतें, गैस्ट्रोएंटेराइटिस के 2549 मामले और एच1एन1 के 44 मामले सामने आए थे। इस साल 1 जनवरी से जुलाई के अंत तक गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कुल 2318 मामले, लेप्टोस्पायरोसिस के 96 मामले, डेंगू के 77 मामले, गैस्ट्रोएंटेराइटिस के 1572 मामले और एच1 एन1 के 28 मामले सामने आए हैं। इनमें से एक मरीज की मौत लेप्टो से हुई है।

    बीएमसी का कहना है कि  हर साल जुलाई में भारी बारिश के कारण कई जगहों पर जलभराव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है और बारिश से होने वाली बीमारियां जैसे मलेरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इस साल भी मानसूनी बीमारियां बढ़ी हैं। जुलाई 2020 में मलेरिया के 954 मामलों का पता चला था। हालांकि, इस साल जुलाई में मलेरिया के 557 मामले सामने आए, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है।

    इस महीने ऐसे बढ़ी मरीजों की संख्या

    • जून 2021 में मुंबई में मलेरिया के 357 मरीज थे। जुलाई में मरीजों की संख्या 557 हो गई है
    • लेप्टो के मरीजों की संख्या 15 से बढ़कर 37, डेंगू के 12 से 28, गैस्ट्रो 180 से 294 और एच1 एन1 के 6 मरीज थे जिसकी संख्या बढ़ कर  21 हो गई है

    बीएमसी ने अपील की है कि बारिश की बीमारी बढ़ने से सर्दी, बुखार, सिर दर्द और शरीर में दर्द जैसे लक्षण पाए जाने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। साथ ही बीएमसी ने यह भी कहा है कि घर और क्षेत्र में पानी जमा नहीं होने दें और परिसर को स्वच्छ रखें।

    केईएम, नायर, सायन और कूपर, कस्तूरबा और अन्य अस्पतालों सहित सभी 16 उपनगरीय अस्पतालों में बारिश की बीमारियों के लिए बिस्तर उपलब्ध हैं। इमरजेंसी में मरीजों के लिए जरूरी सभी दवाएं नगरपालिका के पास हैं। साथ ही अस्पताल, घर और रैपिड टेस्ट के जरिए टेस्ट किए जा रहे हैं।

    - मंगला गोमरे, कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी, बीएमसी

    रोगियों की संख्या

    • मलेरिया – 557
    • लेप्टो-37
    • डेंगू – 28
    • गैस्ट्रो – 294
    • एच 1 एन 1 – 21