- किसानों के असंतोष से डरी बीजेपी
- वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र
मुंबई. प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने की वजह से राज्य के नाशिक सहित अन्य जिलों में शुरु किसानों के आंदोलन से बीजेपी डर गई है. किसानों की नाराजगी से बचने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर प्याज निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की है.
वाणिज्य मंत्री गोयल को लिखे पत्र में फडणवीस इस बात का भी जिक्र किया है कि इस संदर्भ में उनकी टेलीफोन पर विस्तृत चर्चा हुई थी. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र के प्याज की आंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक मांग होती है. जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलती है.
निर्यात पर प्रतिबंध लगने से किसान दुखी
प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगने से किसान बहुत दुखी हैं. प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद से प्याज की कीमत लगातार घट रही है. निर्यात पर प्रतिबंध की वजह से बहुत से किसान घबराहट में जमा कर रखी प्याज बेच रहे हैं. इससे उनको बहुत अधिक नुकसान होने की संभावना है.
My letter to Union Minister Hon @PiyushGoyal ji requesting to lift ban on onion exports. pic.twitter.com/fD4xAleCfF
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) September 16, 2020
किसानों में असंतोष का वातावरण निर्माण हुआ
पिछले एक माह से प्याज की बाजार टाइट थी. किसानों को अच्छी कीमत मिल रही थी. फुटकर बाजार में प्याज की कीमत 40 रुपये किलो तक पहुंच गई थी. लेकिन निर्यात पर प्रतिबंध लगने से किसानों को बड़ा आर्थिक झटका लगने से इंकार नहीं किया जा सकता है. केंद्र सरकार ने सोमवार को अचानक प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था.जिसकी वजह से महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के किसानों में असंतोष का वातावरण निर्माण हुआ है.
शरद पवार ने भी की थी प्रतिबंध हटाने की मांग
प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर प्रतिबंध हटाने की मांग की थी. शरद पवार ने यह भी बताने का प्रयास किया था कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब होगी और इसका फायदा पाकिस्तान को मिलेगा. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने केंद्र सरकार के निर्णय को किसानों के खिलाफ बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की थी. बीजेपी के राज्यसभा सदस्य उदयनराजे भोसले ने फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाणिज्य मंत्री से की थी.