schools, parks, etc. closed in Thailand after Bangkok sees rise in corona cases again

  • समय पर उपचार न मिलने से अधिक हानि

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मुंबई. नानावटी अस्पताल में भर्ती कुल कोरोना मरीजों में से 1.4 प्रतिशत स्ट्रोक का शिकार होने की बात डॉक्टरों के अध्ययन में सामने आई है.अध्ययन में शामिल डॉक्टरों की माने तो उक्त मरीजों में से कोई भी मरीज ‘गोल्डन आवर्स’ (बहुमूल्य समय) में अस्पताल नहीं पहुंचा. 

गैर-कोविड मरीजों की तुलना में कोविड मरीजों में स्ट्रोक के घातक परिणाम देखने को मिले हैं.ऐसे में आज ‘वर्ल्ड स्ट्रोक डे’ के अवसर पर डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे मरीजों को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे ताकि क्षति को कम किया जा सके.

अस्पताल के अध्ययन में खुलासा 

अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों द्वारा मई से अगस्त के बीच किए गए इस अध्ययन में अस्पताल में आने वाले 1500 कोविड मरीजों का सामवेश है. उक्त कोरोना मरीजों में से 21 मरीजों को स्ट्रोक की समस्या हुई. डॉक्टरों ने तुलनात्मक अध्ययन के 21 नॉन-कोविड स्ट्रोक मरीजों को अध्ययन में शामिल किया. कोरोना के साथ स्ट्रोक से ग्रसित 66 प्रतिशत मरीजों में हाइपरटेंशन की समस्या भी थी, जबकि 33 प्रतिशत में डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं थी. नानावटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक और प्रमुख अध्ययनकर्ता डॉ. प्रद्युम्न ओक ने कहा कि कोरोना के बाद स्ट्रोक से ग्रसित मरीजों की औसतन उम्र 57 वर्ष है, जबकि नॉन कोविड स्ट्रोक मरीजों की उम्र 61 वर्ष है. उक्त आंकड़े दर्शातें हैं कि कोरोना से ग्रसित कम उम्र के लोगों में स्ट्रोक का खतरा नॉन कोविड की तुलना में अधिक है.बॉम्बे अस्पताल के कंसलटेंट फिजिशियन डॉ. गौतम भंसाली ने बताया कि कोरोना मरीजों के रक्त में चिप-चिपापन और गाढ़ापन भी देखने को मिला है. जिसके चलते दिमाग में मौजूद ब्लड वेसल में ब्लॉकेज होता है और फिर स्ट्रोक आता है.

स्ट्रोक की करें पहचान

स्ट्रोक की पहचान करने के लिए डॉक्टरों ने कुछ लक्षण बताए हैं. जैसे चेहरे का कमजोर पड़ना, बांह में दर्द, बोलने में दिक्कत. यदि उक्त लक्षण महसूस कर रहे हैं तो तुरंत अस्पताल का रुख करें.

हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत

लोगों में स्ट्रोक के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए नानावटी अस्पताल ने हेल्पलाइन नंबर 8405050548 जारी किया है. इस पर कॉल करते ही न्यूरोलॉजिस्ट आपको स्ट्रोक से संबंधित जानकारी देने और मरीज के उपचार के लिए मार्गदर्शन में मदद करेंगे. यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे खुली रहेगी.