Uday Samant

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कोरोना के कारण छात्रों के स्वास्थ्य की चिंता 

मुंबई. राज्य के 13 गैर-कृषि विश्वविद्यालय में डिग्री के अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि गैर-कृषि विश्वविद्यालयों के उपकुलपतियों और राज्य समितियों की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने डिग्री के अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में सरकार ने लाखों छात्रों के स्वास्थ्य और उनके भविष्य की सुरक्षा के ध्येय से यह निर्णय लिया है.

 ज्ञात हो कि इस संबंध में उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग की पहली बैठक 6 अप्रैल को आयोजित की गई थी. इस बैठक में कोरोना की पृष्ठभूमि पर परीक्षा आयोजित करने के तरीके की जांच के लिए छह सदस्यीय राज्य समिति का गठन किया गया था. मुंबई विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉक्टर सुहास पेडणेकर उस समिति के प्रमुख थे. 29 अप्रैल को यूजीसी के दिशा-निर्देश आए. निर्देश में कहा गया था कि कोरोना मामले में राज्य सरकार को निर्णय लेना चाहिए और स्थिति के अनुसार विश्वविद्यालयों को दिशा-निर्देश देना चाहिए. राज्य समिति ने 6 मई को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी. इस संबंध में राज्यपाल से बात की गई. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ने समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए 17 मई को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को एक पत्र लिखकर अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने का अनुरोध किया था. इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से परीक्षा रद्द करने का अनुरोध किया था.

एटीकेटी के छात्रों को रियायत

दूसरी तरफ 13 गैर-कृषि विश्वविद्यालयों के उप कुलपतियों ने एटीकेटी छात्रों के संबंध में सर्वसम्मति से राज्य सरकार को अपना निर्णय भेजा है, जिसमें छात्रों को औसत अंकों के साथ उत्तीर्ण करने की सिफारिश की गई है. सिफारिश में यह भी कहा गया है कि यदि एटीकेटी का कोई छात्र औसत अंकों के साथ भी पास नहीं होता है, तो उसे विशेष रियायत के रूप ग्रेस मार्क दिया जाएगा. सरकार ने यह सिफारिश भी स्वीकार कर लिया है.

सामंत ने कहा कि राज्य सरकार सभी निर्णय कुलपति के परामर्श से ले रही है. उन्होंने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों को सभी सहायता प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा कि डिग्री के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का आयोजन नहीं करने के लिए यूजीसी को पत्र भेजा गया है. उच्च और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री प्राजक्ता तन्पुरे ने कहा कि कोरोना के कारण विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, छात्रावासों को प्रशासन ने क्वारंटाइन सेंटर बनाया है. ऐसे में परीक्षाएं आयोजित करने के लिए जगह की भी असुविधा है. लिहाजा छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं का आयोजन संभव नहीं है.