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  • कर्मचारियों को नहीं मिला 3 माह का वेतन
  • बैंक से कर्ज लेने की तैयारी

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मुंबई. भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे राज्य परिवहन निगम की माली हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. एसटी कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी निगम के पास पैसे नहीं हैं. कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राज्य सरकार से मदद की मांग की गई, परंतु सरकार ने भी खराब आर्थिक हालात का हवाला देते हुए मदद से इंकार कर दिया है. पिछले दिनों सरकार ने 150 करोड़ की मदद देने का वादा किया,उसके अनुसार एसटी कर्मचारियों को जुलाई माह का वेतन देने का निर्णय लिया गया,जबकि अगस्त और सितंबर माह का बकाया वेतन बाद में दिए जाने की सूचना दी गई है.

कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से एसटी को भारी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने एसटी को छूट शुल्क की बकाया राशि के रूप में 150 करोड़ रुपए देना मान्य किया है लेकिन अपने 1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को वेतन देने के लिए एमएसआरटीसी को लगभग 300 रोड़ से ज्यादा की आवश्यकता है.

यूनियन ने हड़ताल की चेतावनी दी है

एसटी कामगार यूनियन के अध्यक्ष संदीप शिंदे ने कहा कि केवल एक माह के वेतन से कर्मचारियों को बहुत परेशानी होने वाली है.आगे दशहरा-दीपावली में परिवहन कर्मचारियों का सभी बकाया वेतन मिलना ही चाहिए. बड़ी संख्या में कर्मचारियों को सख्ती की छुट्टी पर भेजे जाने और उनका वेतन न दिए जाने को लेकर भी यूनियन ने हड़ताल की चेतावनी दी है. 

एसटी लेगी 1500 करोड़ कर्ज

अब एमएसआरसीटीसी ने बैंक से कर्ज लेने की योजना बनाई है. बताया गया है,कि एक कॉपरेटिव बैंक ने एसटी को कर्ज देना मान्य भी किया है. उसके लिए राज्य सरकार को भी गारन्टी देनी होगी. राज्य में अनलॉक के बाद एसटी का संचालन शुरू हो गया है, परंतु आय पहले की अपेक्षा काफी कम हो रही है. एसटी 350  बसों को बेस्ट ने किराए पर भी लिया है.

शिवशाही-शिवनेरी नुकसान में

अनलॉक के बाद मुंबई, ठाणे से पुणे के लिए चलाई जा रही एसी शिवनेरी और महाराष्ट्र भर में चलने वाली शिवशाही बसें भी नुकसान में चल रही हैं. मुंबई में ज्यादा आवश्यकता को देखते हुए ज्यादा शिवशाही बसों को कल्याण, वसई, ठाणे इन उपनगरों से मुंबई के लिए चलाने का निर्णय लिया गया है. वैसे अभी भी ज्यादातर लोग एसी बसों में यात्रा टाल रहे हैं, इसलिए शिवनेरी और शिवशाही बसों से अपेक्षित आय नहीं हो पा रही है.