Kinnara

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    नायगांव. किन्नर समाज को शिक्षित करने के उद्देश्य से वसई तालुका (Vasai Taluka) में पहला किन्नर विद्यालय शुरू हुआ। यह विद्यालय श्रीमहाशक्ति चैरिटेबल ट्रस्ट (Shree Mahashakti Charitable Trust) द्वारा वसई (पू.) में राजीवली के भोईदापाडा स्थित वीरांगना चॉल में आरंभ किया गया।

    खास बात यह है कि इसमें पढ़ाने वाले सभी शिक्षक भी किन्नर हैं। शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों की सभी सुविधाएं ट्रस्ट की ओर से निःशुल्क दी जा रही है। 

    सरकार को इस समाज के बारे में सोचने की जरुरत

    श्रीमहाशक्ति चैरिटेबल ट्रस्ट की ट्रस्टी रेखा त्रिपाठी ने बताया कि आज किन्नरों को मतदान का अधिकार है, लेकिन सरकार उनकी सुविधा के बारे में कुछ नहीं सोचती। उन्हें कही नौकरी और पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। उनके लिए चिकित्सा की व्यवस्था नहीं है। आखिर किन्नर बच्चे भी इंसान ही होते है, समाज मे उन्हें भी सामान्य जीवन जीने का अधिकार है। ऐसे में उन्हें शिक्षित होना अतिआवश्यक है। 

    एडमिशन के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है

    सामान्य विद्यालय में ऐसे बच्चों को एडमिशन के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, इसके बावजूद यदि उन्हें एडमिशन मिल भी गया, तो उसके बाद भी बच्चे के सामने तमाम दिक्कतें आती हैं। तमाम किन्नर बच्चे है, जिनके अंदर काफी टेलेंट है, लेकिन समाज से कटे होने के कारण उसके टेलेंट का कोई लाभ बच्चे को नहीं मिलता। इस समाज के लोग जब तब तक जवान है, तालिया बजाकर अपना पेट भर लेंगे, लेकिन बुढ़ापे में इनका क्या होगा। जिस दिन सरकार किन्नर समाज के हित के लिए सुविधाएं देने लगेगी, तो लोग किन्नर पैदा हुए बच्चों को लोग घर से बाहर नहीं निकालेंगे। 

    सऊदी में ऐसे बच्चों के परिवार को मिलती है विशेष सुविधा 

    त्रिपाठी ने बताया कि सऊदी में अगर किसी घर में किन्नर बच्चा जन्म लेता है तो सरकार उस बच्चे के साथ ही उसके परिवार को भी अतिरिक्त सुविधाएं देती है। जिसका परिणाम है कि लोग अपने घर में जन्मे किन्नर बच्चों को बाहर नहीं निकालते और वह भी सामान्य जीवन जीते हैं। ऐसी व्यवस्था यहा भी सरकार को करनी चाहिए।