Ganesh festival

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    मुंबई. महानगर  सहित पूरे महाराष्ट्र (Maharashtra) में हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने वाले गणेशोत्सव (Ganesh Festival) पर लगातार दूसरे वर्ष कोरोना का असर पड़ रहा है। पिछले वर्ष की ही तरह पाबंदियों के बीच इस साल भी गणेशोत्सव मनाया जाएगा। कोरोना (Corona) की वजह से पैदा हुए हालात को देखते हुए गणेशोत्सव को साधारण तरीके से मनाने का फैसला महाविकास आघाड़ी सरकार ने लिया है। इसी के तहत गृह मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किया है। सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत गणेशोत्सव के दौरान सार्वजनिक गणेशोत्सव  पंडालों में 4 फुट से अधिक ऊंची मूर्ति नहीं स्थापित की जा सकेगी।

     महाराष्ट्र में 10 दिनों तक मनाया जाने वाला गणेशोत्सव   इस साल 10 सितंबर से शुरू होगा। लेकिन इसकी तैयारी कई महीने पहले ही शुरू हो जाती है। मुंबई के सार्वजनिक गणेश पंडालों में 20 फुट तक ऊंची  प्रतिमा स्थापित की जाती है। जिसको देखते हुए सरकार की तरफ से समय रहते ही गाइडलाइन जारी कर दी गयी है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए गणेश मंडलों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।  

    गृह मंत्रालय की तरफ से जारी दिशा निर्देश के तहत सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को महानगरपालिका, नगर पालिका या स्थानीय प्रशासन की नीति के अनुसार गणेशोत्सव के पहले आवश्यक अनुमति लेनी होगी। स्थानीय प्रशासन की गाइडलाइन के अनुरूप पंडाल का निर्माण किया जा सकेगा।

     सार्वजनिक पंडालों में बहुत अधिक सजावट की अनुमति नहीं होगी। सार्वजनिक पंडाल में गणेश प्रतिमा की ऊंचाई 4 फुट तक राखी जा सकती है। जबकि घरों में 2 फुट तक ऊँची मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना की जा सकती है। गाइडलाइन में पारंपरिक गणेश मूर्तियों के बजाय धातु और संगमरमर की मूर्तियों की पूजा करने की सलाह दी गई है। यह भी कहा गया है मूर्ति निर्माण में यथा संभव साडू मिट्टी का उपयोग किया जाय।  सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बजाय स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम जैसे रक्तदान शिविर का आयोजन  करें। आरती, भजन और कीर्तन कार्यक्रमों में भीड़-भाड़ हो, इसका ध्यान रखा जाए।

    गणेशोत्सव में स्वैच्छिक दान स्वीकार करें। स्वास्थ्य और सामाजिक संदेशों के साथ विज्ञापन प्रदर्शित करें। सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के पंडाल में सेनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करें। नागरिक सामाजिक दूरी का पालन करने, मास्क और सैनिटाइजर का पालन करने पर ध्यान दें। श्री गणेश  का ऑनलाइन दर्शन के लिए केबल नेटवर्क, वेबसाइट, फेसबुक जैसे मीडिया की व्यवस्था करें।सार्वजनिक गणेशोत्सव और घरेलू गणेश प्रतिमाओं के आगमन या विसर्जन के समय शोभायात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी। विसर्जन के समय घर पर ही पारंपरिक आरती की जा सकती है। विसर्जन स्थल पर नागरिक ज्यादा देर तक नहीं रुक सकेंगे।