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– लोगों की शिकायत पर फैसला 

मुंबई. कोरोना संकट के बीच निजी एम्बुलेंस की सेवा देने वाले लोगों की लूट पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने एक बड़ा  फैसला लिया है. इसके तहत अब सभी निजी एम्बुलेंस को सरकार ने अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है. इस कदम से एम्बुलेंस की कमी की समस्या से भी निपटने में मदद मिलेगी. 

सरकार तय करेगी भाड़ा 

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि नए आदेश के मुताबिक अब एम्बुलेंस के भाड़े को सरकार तय करेगी. उन्होंने कहा कि भाड़ा तय करने की जिम्मेदारी प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण को दी गई है. जिसके तहत प्रति किलोमीटर के हिसाब से एम्बुलेंस का भाड़ा तय किया जाएगा. वहीं लोगों के लिए निजी एम्बुलेंस की यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा निजी कमर्शियल वाहनों को भी कोरोना के बिना लक्षण व हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल भेजने में इस्तेमाल करने के लिए कब्जे में लिया जाएगा. 

मनमाना भाड़ा की शिकायत 

सरकार  को लोगों से निजी एम्बुलेंस सर्विस द्वारा मनमाना भाड़ा वसूले जाने की काफी शिकायतें मिल रही थींं. जिसके बाद सरकार ने सभी निजी एम्बुलेंस को अपने कब्जे में लेने का कड़ा फैसला किया है. लोगों की मज़बूरी का फायदा उठाते हुए कम दूरी के लिए निजी एम्बुलेंस सर्विस से जुड़े लोग हजारों रुपए वसूल रहे थे.   

आदेश की खास बातें 

  1. जिला कलेक्टर द्वारा अधिग्रहित एम्बुलेंस और वाहनों के अलावा निजी एम्बुलेंस और वाहनों का न्यूनतम भाड़ा  क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा तय किया जाना चाहिए.  निजी वाहन चालक इस निर्धारित भाड़े वसूल रहे हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए एक निरीक्षण तंत्र स्थापित किया जाएगा. 
  2. जिला कलेक्टर और नगर आयुक्त ओवरचार्जिंग की शिकायतों के निवारण के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में केन्द्र स्थापित करेंगे. 
  3. कब्जे में ली गई एम्बुलेंस 24 घंटे उपलब्ध होगी.
  4. एम्बुलेंस में स्मार्ट फोन, इंटरनेट की सुविधा होगी. इसे टोल फ्री 108 एम्बुलेंस ऐप नंबर सिस्टम से जोड़ा जाएगा. 
  5. एम्बुलेंस संपर्क के लिए लोग स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थापित 108 या नियंत्रण कक्ष पर कॉल कर सकते हैं.