कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ऐक्शन मोड़ में है सरकारी मशीनरी

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  • मुंबई में 12 लाख  हुई जांच
  •  31 लाख लोग किए गए ट्रेस

मुंबई. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मुंबई में अब तक 12 लाख लोगों की जांच पूरी की गई है. इसके अलावा, 31 लाख 24 हजार 352 लोगों को ट्रेस किया गया है, जो सरकारी मशीनरी के लिए एक उपलब्धि मानी जा है. इनसे साथ ही साथ, पाँजिटिवटी रेट में भी कमी आने लगी है. वर्तमान में पॉजिटिवटी रेट 18.17 फीसदी है, जिसका मतलब यह है कि 100 लोगों की जांच में 18 से अधिक लोग पाँजिटिव पाए जा रहे हैं.

इस बीच बीएमसी ने मुंबई में लोगों की जांच के दायरे को लगातार बढ़ाया है, जिसका परिणाम मिलने लगा है. बीएमसी अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी भिड़े के अनुसार, जितने लोगों को अब तक ट्रेस किया गया है उनमें से 12 लाख 62 हजार 956 हाईरिस्क और 18 लाख 61 हजार 396 लोग लो-रिस्क वाले थे. इतनी जांच के बाद मुंबई में 2 लाख 53 हजार 488 लोग संक्रमित पाए गए, जबकि 1 लाख 79 हजार 519 लोग ठीक हुए हैं. मुंबई में अब तक 9,155 मरीजों की मौत हुई है.

 मुंबई में अभी 9210 इमारतें सील 

मुंबई में 26 लाख 72 हजार 431 मरीजों ने अपना क्वारंटाइन समय पूरा कर लिया है, जबकि 4 लाख 50 हजार 368 लोगों ने होम क्वारंटाइन का समय पूरा किया है. मुंबई में अभी 9210 इमारतें सील हैं. 32,286 इमारतों को सील से रिलीज कर दिया गया है. इसी प्रकार 673 कंटेनमेंट जोन हैं. 1159 कंटेनमेंट जोन को मुक्त किया जा चुका है. 

  • पॉजिटिवटी रेट 18.17 फीसदी 
  • 26.72 लाख मरीजों ने अपना क्वारंटाइन समय पूरा किया  
  • मुंबई में अब तक 9,155 मरीजों की मौत
  • मुंबई में अभी 9210 इमारतें सील 
  • सील हुई 32,286 इमारतें अब तक हुई रिलीज

90 फीसदी बच्चों पर कोरोना का असर नहीं

इस बीच, रायन इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस ने इस महीने की शुरुआत में बच्चों के पोषण पर एक महीने तक चलने वाले सोशल मीडिया कैंपेन की शुरुआत की. इस पहल के तहत बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर केंद्रित अलग-अलग गतिविधियों पर फोकस किया गया. इससे पैरंट्स अपने बच्चों के पोषण और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या करते हैं, इस पर जानने की कोशिश की गई. इस सर्वे से कई आंकड़े सामने आए. सर्वे से पता चला कि 90 फीसदी अभिभावकों को बच्चों पर महामारी के तनाव ने उनकी इम्युनिटी पर असर नहीं डाला है. 

सर्वे में 14000 अभिभावकों से किए गए सवाल- जवाब

66 फीसदी अभिभावकों को अपने बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घरेलू उपायों पर विश्वास है, जबकि 33.97 फीसदी पैरंट्स इसके लिए इम्युनिटी को बढ़ावा देने वाले सप्लिमेंट्स पर भरोसा करते हैं. स्कूलों को खोलने की तैयारियों के बीच 81.35 फीसदी अभिभावकों ने अपने बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काफी सक्रियता से काम किया है. यह सर्वेक्षण मुंबई सहित अन्य इलाकों में किया गया, इसमें 3 से 18 वर्ष आयु वर्ग बच्चों के करीब 14,000 अभिभावकों से सवाल-जवाब किए गए.