Sharad Pawar

  • पवार की मोदी सरकार को नसीहत
  • बोले, दूसरे राज्यों में फैल सकता है आंदोलन

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मुंबई. राकां अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने केंद्र की मोदी सरकार से किसानों के धैर्य का इम्तिहान नहीं लेने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों पर समय से निर्णय नहीं लिया तो दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा प्रदर्शन दूसरे राज्यों में फैल सकता है।

पवार ने कहा कि कि विपक्षी दलों द्वारा विस्तृत चर्चा की मांग किए जाने के बावजूद संबंधित कृषि विधेयक संसद में जल्दबाजी में पारित किया गया था। विभिन्न राज्यों के किसान इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर करीब दो सप्ताह से दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों का कहना है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का सुरक्षा कवच खत्म कर देगी और उनकी आमदनी पक्की करने वाली मंडियां भी हट जाएंगी।

सरकार के अनुसार एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी तथा नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए और विकल्प उपलब्ध कराएगी। पवार ने कहा कि किसानों के प्रति  केंद्र का रूख अनुकूल नहीं जान पड़ता है। इसलिए ऐसे संकेत हैं कि गतिरोध कुछ और दिन चल सकता है। उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि किसान देश का अन्नदाता है और उसकी सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लिया जाना चाहिए।

यूपीए का अध्यक्ष बनने की खबर झूठी

पवार ने उन अटकलों को खारिज किया कि जिसमें उन्हें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि यह झूठी खबर है। पवार  ने केंद्रीय राज्य मंत्री दानवे द्वारा किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान के हाथ होने के बयान पर कहा कि  कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें यह समझ नहीं होती है कि कहां और कैसे क्या बोलना है। पवार ने कहा कि दानवे ने पहले भी ऐसे विवादित बयान दिए थे।