Uddhav Thackeray
शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे file Photo

  • बीजेपी का अल्टीमेटम
  • मुख्यमंत्री को स्मरण पत्र लिखकर दी चेतावनी

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मुंबई. मंदिर मुद्दे पर बीजेपी ने राज्य सरकार के साथ आर-पार करने की ठान ली है. बीजेपी के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ की तरफ से घंटानाद, अनशन के बाद अब सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है. प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आचार्य तुषार भोसले ने कहा है कि विजय दशमी के मुहूर्त पर यदि मंदिरों को खोलने की घोषणा नहीं की गयी तो फिर अलग निर्णय लिया जाएगा. कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर सरकार की जिम्मेदारी होगी.

आचार्य तुषार भोसले ने कहा है कि पिछले दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर साधु-संतों के शिष्टमंडल के साथ मुलाकात के लिए समय  मांगा था, लेकिन पत्र का उत्तर नहीं मिला. अब मुख्यमंत्री को स्मरण पत्र लिखकर चेतावनी दी गयी है.  

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा गया है कि महाराष्ट्र में पिछले साढ़े छह माह से मंदिर एवं पूजा स्थल बंद हैं. कोरोना संकट के दौरान लोग मानसिक रूप से तनाव में हैं. लोग अपने आराध्य का दर्शन, पूजन कर मानसिक शांति चाहते हैं. राज्य में सभी तरह के व्यवहार शुरू हैं, लेकिन मंदिर अभी भी बंद हैं. मदिरालय शुरू हैं एवं देवालय बंद. यह अपनी संस्कृति के विपरीत है. मंदिरों पर आधारित छोटे व्यवसायियों के समक्ष भुखमरी की समस्या उठ खड़ी हो गई है.

केंद्र सरकार की तरफ से 4 जून को जारी परिपत्रक के अनुसार उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश सहित 25 राज्यों एवं सभी केंद्र शासित प्रदेशों में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है. महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग अनेक संस्थाओं एवं संगठनों ने की है.बीजेपी के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ की तरफ से बार- बार आवेदन दिए गए एवं आंदोलन भी किए गए. लेकिन सरकार ने अभी तक निर्णय नहीं लिया है. 

मुख्यमंत्री को लिखे स्मरणपत्र में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि साधु संतों की भावनाओं को देखते हुए गाइड लाइन तैयार कर विजय दशमी के पवित्र मुहूर्त पर 25 अक्टूबर से मंदिरों को खोलने का निर्णय लिया जाए.अन्यथा आध्यात्मिक प्रकोष्ठ कुछ बड़ा निर्णय लेने के लिए मजबूर होगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.