कोरोना की लड़ाई में सरकार का कार्य संतोषजनक – बालासाहेब थोरात

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मुंबई. वर्तमान में महाराष्ट्र में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे है। इसी के साथ-साथ महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार की चिंताएं भी बढ़ रही है। बढ़ते मरीजों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना, राज्य की आर्थिक स्थिति को दोबारा पटरी पर लाना, राज्य में बढ़ती बेरोज़गारी जैसी कई चुनौतियां प्रशासन के सामने आयी है। इन चुनौतियों का प्रशासन कैसे सामना करके बाहर निकलता है, इन सभी मुद्दों पर चर्चा करने आज नवभारत के कोविड-19 ई-चर्चा में कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात उपस्थित थे। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस के कारण राज्य में पैदा हुई परिस्थिति और चुनौतियों से लोगों को अवगत कराया।    

राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा, चीन से निकले कोविड-19 ने पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत को भी गहरे संकट में डाला है। पिछले दो महीने से देश में लॉकडाउन है और इस दौरान सभी उद्योग, व्यवसाय, आर्थिक गतिविधियाँ रुक गई है। इसलिए इस परिस्थिति को थोरात ने ‘अभूतपूर्व काल’ कहा है। अब तक के इतिहास में भी ऐसा लॉकडाउन किसीने देखा नहीं होगा। जो वर्तमान में सभी लोगों को देखना पड़ रहा है।

राजस्व मंत्री ना. बाळासाहेब थोरात | नवभारत इ-चर्चा

महाराष्ट्र सरकार के राजस्व विभाग कैबिनेट मंत्री बालासाहेब थोरात, ‘कोविड के पश्चात: प्रशासनिक चुनौतियां’ विषय पर चर्चा कर रहे हैं.

NavaBharat यांनी वर पोस्ट केले शनिवार, ३० मे, २०२०

थोरात ने कहा, लॉकडाउन के दौरान देश में कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज पाए गए है। और यह सच है, इसे नाकारा नहीं जा सकता। लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना के प्रसार के लिए मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यह प्रमुख कारण है। हालांकि महाराष्ट्र की सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए कई अच्छे निर्णय लिए और स्थिति को अपने काबू में रखा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मुंबई समेत पुरे राज्य में कोरोना को रोकने के लिए प्रयास कर रहे है। इसलिए राज्य में कोरोना से ठीक हुए मरीजों का अकड़ा भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, राज्य में कुल कोरोना मरीजों की संख्या में ठीक हुए मरीज भी शामिल है। इसलिए यह संख्या ज्यादा लग रही है। खास बात यह है कि, राज्य में रिकवरी रेट 43 प्रतिशत पर पंहुचा है।साथ ही मरीज दोहरे होने की गति भी कम होकर 16 दिनों पर आ गई है। कोरोना के मौत की औसत भी 3.37% पर है। राज्य में बढ़ते मामलों पर थोरात ने कहा, जिस राज्य में सबसे ज्यादा परीक्षण किये जा रहे है वहा मामले तो सामने आएंगे ही। महाराष्ट्र में अब तक पांच लाख से अधिक लोगों का परीक्षण हुआ है। 

उन्होंने कहा, इस बीच स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई। राज्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बखूबी से कार्य किया गया। इसके लिए राज्य सरकार ने भी सभी जिला स्तरों पर कोरोना इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई। साथ ही लॉकडाउन के दौरान राज्य में शांतता और सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने बहुत महत्वपूर्ण काम किया है। वहीं इससे लड़ने के लिए राजस्व विभाग भी सहयोग दे रहा है। इनके अलावा राज्य की एनजीओ ने भी बहुत बड़ा काम किया है। प्रवासी मजदूरों को खाना, उनके रहने की व्यवस्था, गरीब लोगों के घरों तक कच्चा अनाज पहुचायां। उन्होंने यह भी कहा कि, लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान गरीब, मजदूर और श्रमिकों का हुआ है। इसलिए इन लोगों के लिए प्रशासन द्वारा रोज 10 लाख लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की जा रही है। इसलिए, इस कोरोना की घडी में राज्य सरकार का काम बहुत उल्लेखनीय रहा है। 

प्रवासी मजदूरों के पलायन पर उन्होंने कहा, की राज्य सरकार ने इन मजदूरों का बहुत अच्छे से ख्याल रखा। साथ ही कांग्रेस पार्टी ने श्रमिक ट्रेन की जिम्मेदारी ली। जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने सभी राज्य के साथी श्रमिक ट्रेनों का खर्च उठाने की घोषणा की। इसके अलावा राज्य में लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए बस शुरू की। इसके लिए लगभग 100 करोड़ रूपये का खर्च राज्य सरकार ने किया। 

लॉकडाउन 5.0 के बारे में थोरात ने कहा, मुख्यमंत्री खुद इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों से बात कर रहे है। जिसके बाद सभी जिलों में कोरोना की स्थिति की जानकारी लेकर निर्णय लिया जायेगा। साथ ही लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म होने के बाद केंद्र सरकार द्वारा क्या सूचनाएं आती है इसका इंतजार राज्य सरकार कर रही है। जिसके बाद एक नई योजना बनाई जाएगी। 

मंत्री ने कहा, कोरोना के चलते राज्य के सामने वित्तीय संकट आया है जिसके कारण राज्य में सभी विभागों के खर्च में कटौती की जा रही है। कोरोना के कारण यह संकट देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सामने आया है। बात महाराष्ट्र की करे तो देश को सबसे ज्यादा टैक्स देने वाला राज्य महाराष्ट्र है। देश की आय के 35 प्रतिशत टैक्स केवल महाराष्ट्र से मिलता है। उन्होंने कहा इस वर्ष के सभी बनाये विकास कार्यो के नियोजन पर कोरोना से प्रभावित होंगे। लेकिन वर्तमान में कोरोना संकट को ख़त्म करना यही राज्य सरकार का प्रमुख उद्दिष्ट है। 

उन्होंने कहा, किसानों के लिए मदद देना यह हमारा पहला कर्तव्य था। इसलिए सरकार बनते ही किसानों को पूरी कर्ज माफ़ी दी गई। लेकिन कोरोना के चलते इसमें थोड़ी दिक्कतें आयी। अब गरीब लोगों के लिए मदद देने के लिए हम कार्य कर रहे है। लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में बदल करना आवश्यक है। केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सलाह लेनी चाहिए। यह समय राजनीति करने का नहीं है। इस संकट से कैसे बाहर निकलना है इसपर सभीने विचार-विमर्श कर साथ लड़ना होगा। कोरोना से पैदा हुई स्थिति राज्य स्तर पर लिए गए फ़ैसलों से नहीं संभलेगी। इसके लिए केंद्र सरकार को भी लोगों के हित के कुछ फैसले लेने होंगे। 

सरकार और कांग्रेस के संबंध में थोरात ने कहा, राहुल गांधी के बयान का लोगों ने गलत अर्थ निकाला है। राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार है। इसलिए यहां कोई एक व्यक्ति निर्णय नहीं लेता। तीनों पार्टियाँ एक साथ आकर एक दूसरे के विचार सुनकर निर्णय लिए जाते है। इस समय थोरात ने मुख्यमंत्री की तारीफ की। कहा, उद्धव ठाकरे में अच्छे फैसले लेने की क्षमता है। उनका कार्य भी सहारनीय है। कोरोना के चलते वे खुद सभी से विडिओ कॉन्फ़्रेंस करके जायजा लेते है। इसलिए महाविकास अघाड़ी में अच्छा समन्वय है। 

अंत में बालासाहेब थोरात ने कहा, हमे सरकार अच्छी तरह से चलानी है। लोगों के लिए काम करना है। तीनों पार्टियों में समन्वय रखकर चलना है।