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मुंबई. कोरोना मरीजों की कोविड रिपोर्ट मरीजों के परिवार को देने पर बीएमसी के रोक पर मुंबई हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि वह मरीजों के परिजनों को रिपोर्ट सौंपे. मुंबई में बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए बीएमसी ने 13 जून को कोविड की जांच करने वाली प्रायवेट प्रयोगशालाओं को आदेश दिया था कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट उनके परिजनों को न सौंपी जाए. बीएमसी सर्कुलर में कहा था कि वह रिपोर्ट उसे दी जाए.

 कोरोना मरीजों को रिपोर्ट नहीं देने के बीएमसी के  आदेश पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया था कि मरीज अथवा उसके परिजन को रिपोर्ट पाने का अधिकार है. वह उनसे छीना नहीं जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था. मनपा में बीजेपी पार्टी के नेता विनोद मिश्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मरीजों के परिजनों को रिपोर्ट नहीं दी जा रही है. बीएमसी कोरोना मरीजों के आंकड़े छुपाने के उद्देश्य से ऐसा कर रही है.

 आदेश का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए

याचिका की सुनवाई जस्टिस काथावाला और जस्टिस बोरकर ने की. बेंच ने बीएमसी को आदेश दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. बीएमसी मरीजों के परिजनों को रिपोर्ट प्राप्त करने के अधिकार से वंचित नहीं कर सकती. बेंच ने मरीजों को  रिपोर्ट देने का आदेश दिया. 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बीएमसी मरीजों के परिजनों को रिपोर्ट नहीं दे रही थी इसलिए हमें हाईकोर्ट जाना पड़ा. मरीजों के आंकडे़ छुपाने के उद्देश्य से बीएमसी ने रिपोर्ट देने पर रोक लगाई थी. मैं आशा करता हूं कि बीएमसी हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए मरीजों को रिपोर्ट सौंपेगी.विनोद मिश्र, बीजेपी पार्टी नेता, बीएमसी