- कहा- तेजस्वी की नहीं हुई है हार
मुंबई. एक साल पहले तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की हिस्सा रही शिवसेना अब अपनी पूर्व सहयोगी भाजपा के खिलाफ हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती है. बिहार चुनाव में एनडीए को बहुमत मिलने के बावजूद वह राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन की हार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है.
शिवसेना के मुख्यपत्र में कहा गया है कि जुगाड़ से आंकड़ा बढ़ा लेने से किसी की जीत नहीं हो जाती है. बिहार विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नज़र लगी हुई थी. मतदान के बाद जो एग्जिट पोल वगैरह में कांटे की टक्कर दिखाए गए थे. चुनाव परिणाम भी उसी तरह के आएं हैं. एनडीए विशेषकर बीजेपी को बढ़त मिली है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘जदयू’ की सीटें घटी हैं. बिहार में सब कुछ अनपेक्षित हुआ है. बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन रही है. लेकिन नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे इस पर सवाल है.
तेजस्वी यादव ने नए युग की शुरुआत की
शिवसेना की तरफ से कहा गया है कि बिहार चुनाव में ‘एनडीए’ ने बढ़त बनाई है, लेकिन तेजस्वी यादव ने नए युग की शुरुआत की है. तेजस्वी यादव नाम का युवा चेहरा चमका है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और सत्तारूढ़ सभी नायकों से अकेले मुकाबला किया. तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के समक्ष एक कड़ी चुनौती पेश की है. शिवसेना की तरफ से कहा गया है कि जिन लोगों को बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा दिखाई दे रहा है वे सभी तेजस्वी यादव पर अन्याय कर रहे हैं. शुरुआत में एकतरफा माहौल सिर्फ तेजस्वी यादव की वजह से चुनौती पुर्ण हो पाया.
महागठबंधन के मुख्य चेहरा थे तेजस्वी
राष्ट्रीय जनता दल के पोस्टर में लालू यादव का एक फोटो भी नहीं था. तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के मुख्य चेहरा थे. तेजस्वी की सभाओं में गजब का उत्साह था. जिससे लोगों को लग रहा था कि महागठबंधन बाजी मारेगा. मतदान के बाद से भाजपा व जदयू के खेमे में एक तरह से सन्नाटा पसरा हुआ था. चुनाव में पराजय की आशंका को देखते हुए उनमें निराशा थी, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद सभी का चेहरा खिल गया. शिवसेना ने कहा है कि तेजस्वी यादव हार गए यह मानने के लिए तैयार नहीं हूं. जुगाड़ करके आंकड़ा बढ़ा लेने को जीत नहीं कहा जा सकता है.