Mumbai Monorail

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    मुंबई. ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) को बढ़ावा देते हुए मुंबई मोनो (Mumbai Mono) के रेक स्वदेशी कंपनियों के माध्यम से विकसित किए जाएंगे। मुंबई मोनो रेल के लिए 10 रेक (Rake) बनाने के लिए एमएमआरडीए (MMRDA) द्वारा जारी टेंडर प्रक्रिया में पहली बार 3 भारतीय कंपनियों ने ही रूचि दिखाई है। इसमें भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL), टीटागढ़ वैगन्स लि. मि. और मेधा सर्वो ड्राइव्स प्रा. लि. एंड  एसएमएच, मलेशिया शामिल हैं। बताया गया है कि ठेका पाने वाली कंपनी को 14 महीने में एमएमआरडीए को पहली मोनो रेक की सप्लाई करनी होगी। 

    वैसे शर्तों के अनुसार, 24 महीने में सभी रेक की सप्लाई ठेका पाने वाली कंपनी को करनी है। एक मोनो रेक में 4 एल्युमिनियम के कोच होते हैं। मोनो के स्वदेशी रेक के लिए एमएमआरडीए का 604 करोड़ रुपये  खर्च होगा। मोनो के  रेक कम होने के कारण यात्रियों को स्टेशन पर दूसरी ट्रेन के लिए काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है। इससे मोनो के संचालन में घाटा भी हो रहा है।

    टेंडर प्रक्रिया हुई थी रद्द

    पिछले साल भारत-चीन के बीच सीमा पर तनातनी के बाद टेंडर प्रक्रिया में चीन की कंपनियों के शामिल होने पर प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था। चेंबूर से संत गाडगे महाराज चौक (सात रास्ता) के बीच करीब 20 किमी चलने वाली मोनो रेल के रेक के लिए इसके पहले विदेशी कंपनियों पर ही निर्भरता थी। एमएमआरडीए के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार  मोनो और मेट्रो ट्रेन के लिए पहली बार रेक निर्माण की टेंडर प्रक्रिया में  भारतीय कंपनियों ने भाग लिया है। मेट्रो के रेक बीएएमएल बना रही है। अब मेक इंडिया के तहत बनने वाले मोनो के रेक स्वदेशी तकनीक पर आधारित होंगे।