जानें कैसे गोवालिया मैदान का नाम हुआ अगस्त क्रांति मैदान

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी ने 8 अगस्त 1942 बॉम्बे अधिवेशन में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया था. अगस्त महीने में शुरू किये इस आंदोलन को अगस्त आंदोलन और अगस्त क्रांति के रूप में जाना जाता है. जिस मैदान में इस आंदोलन की शुरुआत हुई वर्तमान में इस मैदान को अगस्त क्रांति मैदान के रूप में जाना जाता है. हर वर्ष इस मैदान में क्रांतिकरी आंदोलन के समर्ण में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.

सेंट्रल बम्बई का गोवालिया टैंक मैदान (जो अब अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाता है) वही स्थान है, जहाँ पर 8 अगस्त 1942 को महात्मा गाँधी ने अपने भाषण में अंग्रेजों से भारत छोड़ने की बात कही थी. इस आह्वान ने बड़े स्तर पर जनसमूह को अंग्रेजों के विरुद्ध ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन शुरू करने के लिए प्रेरित किया था. 

इस मैदान में पहले गाय-भैंसों को नहलाने का काम किया जाता था. मराठी में ‘गोवालिया’ शब्द का मतलब ‘गौ’ या ‘गाय’. आंदोलन के साथ पूर्व में यह यातायात का एक प्रमुख केंद्र था. तत्कालीन बॉम्बे शहर में चलने वाली ट्रेनों का भी यहां एक प्रमुख स्टेशन था. जहाँ से प्रिंस वेल्स संग्रहालय तक जाया जाता था.

वर्तमान में यह मैदान बड़े-बड़े आंदोलोनों के साथ खेलों के मैदान के रूप में भी प्रसिद्ध है. मुख्य रूप से यहाँ क्रिकेट, फुटबॉल और वालीबॉल खेला जाता है. मुख्यता इस मैदान को पाँच भागों में बँटा है. जिसमे खेल, बुजुर्गों के टहलने, स्कूली आयोजनों के लिए, छोटे बच्चों के खेलने के लिए और स्मारक बना है.

अगस्त क्रांति मैदान भारत के सबसे बड़े क्रांतिकारी आंदोलन का गवाह रहने के साथ साथ अनेक लोक सभाओं व कई जन नायकों का आदर्श स्थल है. चुनावों के दौरान इस मैदान पर राजनीतिक पार्टियों की बड़ी-बड़ी सभाएं आयोजित की जाती हैं.

27 दिसम्बर 2019 को इस मैदान पर संविधान सम्मान मंच के बैनर तले नागरिकता कानून के समर्थन में बड़ी रैली का आयोजन किया गया था. जिसमें लाखों की संख्या में लोग पहुंचे थे.

– मृणाल पाठक