New Rules of Lockdown
File

  • भाजपा, मनसे सहित अन्य दलों का पुरजोर विरोध

Loading

मुंबई. मुंबई (Mumbai), ठाणे (Thane), पुणे (Pune), नागपुर (Nagpur) सहित पूरे राज्य में एक बार फिर कोरोना (Corona) संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसको लेकर राज्य में लॉकडाउन (Lockdown) लागू करने का संकेत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने दिया है। 

वहीं राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने कहा है कि मनुष्य की जिंदगी से बड़ा कुछ और नहीं हो सकता है। लेकिन भाजपा (BJP) सहित अन्य विपक्षी दलों (Opposition Parties) के अलावा सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने भी लॉकडाउन का विरोध किया है। लॉकडाउन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)  में मतभेद खुल कर सामने आया है। जिससे इसको लेकर आम नागरिकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।  

लॉकडाउन पर किसी तरह का मतभेद नहीं 

सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि लॉकडाउन को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भी इस तरह की इच्छा नहीं है। महाराष्ट्र में ऐसा एक भी व्यक्ति नहीं है जिसे लॉकडाउन चाहिए, लेकिन प्यास लगने पर कुआं खोदने की कहावत प्रचलित है। हम उसी तरह की तैयारी कर रहे हैं। यह तैयारी कैसी चल रही है उस पर हमारी नज़र है। मनुष्य की जिंदगी से बड़ा कुछ और नहीं हो सकता है। विचार करने में कोई दिक्कत नहीं है। लॉकडाउन अंतिम पर्याय है।

लॉकडाउन राज्य के लिए ठीक नहीं 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को ही लॉकडाउन  का विरोध किया था। उन्होंने कहा है कि राज्य में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मरीजों को देखते हुए लॉकडाउन अंतिम पर्याय नहीं हो सकता है। लॉकडाउन राज्य के लिए ठीक नहीं है। जनता के लिए यह उचित नहीं होगा। इसकी जगह स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने पर बल दिया जाना चाहिए। नियमों का पालन करने से कोरोना का संक्रमण नहीं बढ़ेगा ।

लॉकडाउन का विरोध करेगी भाजपा 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने लॉकडाउन का पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में अब लॉकडाउन उपयोगी होने वाला नहीं है। इसके लिए प्रतिबंध कड़ा किया जाय उसका विरोध नहीं है, लेकिन लॉकडाउन इसका पर्याय नहीं हो सकता है। इसका हम पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लगने से पहले असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों को आर्थिक मदद दी जाए। उन्हें सरकार रामभरोसे नहीं छोड़ सकती है। प्रत्येक झोपड़े में कुछ न कुछ उद्योग चलता है। बंद होने पर भुखमरी की नौबत आ सकती है। पिछली बार भी किसी तरह का पैकेज नहीं मिला था।

लॉकडाउन का विरोध नहीं  

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि लॉकडाउन का विरोध नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल भाजपा संभ्रम निर्माण कर हमारे बीच झगड़ा लगाना चाहती है। जो ठीक नहीं है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अंदर लॉकडाउन को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं है।  

दोबारा लॉकडाउन नहीं 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद संजय निरुपम ने भी लॉकडाउन का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि पिछली बार लॉकडाउन होने से राज्य की आर्थिक परिस्थिति डावांडोल हो गई थी। लोगों पर मुसीबत खड़ी हो गयी थी। लोगों के समक्ष गांव की तरफ पलायन करने की नौबत आ गयी थी। इसलिए दोबारा लॉकडाउन लागू नहीं किया जाए यही हमारी सरकार से मांग है। 

 यदि मुर्खता की गयी तो लोग सड़कों पर उतरेंगे 

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी लॉकडाउन का विरोध किया है। मनसे महासचिव संदीप देशपांडे ने कहा है कि वैज्ञानिक दृष्टि से यह सिद्ध नहीं हुआ है कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना मरीजों की संख्या कम होती है। लॉकडाउन से लोगों का जो नुकसान होगा सरकार उसकी भरपाई करेगी क्या? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हमें बार से 3 लाख रुपए हफ्ता नहीं मिलता है। साधारण सर्दी होने पर टेस्ट कराने के बाद कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आता है। इस पर ध्यान  देने की जरुरत है। यदि सरकार ने लॉकडाउन लगाने की मुर्खता की तो लोग सड़कों पर उतरेंगे। 

कानून व्यवस्था की परिस्थिति उत्पन्न होगी 

 भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पांडेय ने कहा है कि लॉकडाउन कोरोना रोकने का उपाय नहीं हो सकता है। पिछले एक वर्षों में कोविड के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में महाविकास आघाड़ी सरकार फेल साबित हुई है। जिसका परिणाम यह है की जब कोरोना की दूसरी लहर आयी तो महाराष्ट्र की जनता को बेड्स और वेंटीलेटर की कमी महसूस हो रही है। हॉस्पिटल्स में बेड नहीं मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नारा दिया था, ‘हमारा परिवार, हमारी जिम्मेदारी, ‘मैं जबाबदार’, लेकिन सरकार जिम्मेदारी निभा नहीं सकी है। दिहाड़ी मजदूर और मीडिल क्लास फैमिली के लिए खाने पीने और दवाइयों की व्यवस्था किए बगैर लॉकडाउन लागू करने पर राज्य में कानून व्यवस्था की परिस्थिति उत्पन्न होगी।