- विप में विपक्ष के नेता दरेकर ने लगाया आरोप
- पूर्व न्यायाधीश से जांच कराने की मांग
मुंबई. विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने आरोप लगाया है कि कोरोना संकट के समय निजी लैब वालों से सांठगांठ कर करोड़ों रुपये की लूट की गई है. उन्होंने इस गंभीर मामले की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की मांग सरकार से की है.
दरेकर ने कहा है कि मानसून अधिवेशन के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने आरटी-पीसीआर की दर 1200 रुपये तक नीचे लाने की बात कह कर अपनी पीठ थपथपाने का काम किया था.जबकि वस्तुस्थिति अलग है.
प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया
दरेकर ने कहा है कि भारत सरकार की कंपनी हिंदुस्तान लेटेक्स लि. (एच.एल.एल.) लाइफकेयर ने राज्य सरकार को 19 अगस्त को एक पत्र लिखा था. जिसमें आरटी-पीसीआर जांच 796 रुपये में करने की बात कही गई थी. नागरिकों के हित को देखते हुए सरकार को चाहिए था कि वह आरटी-पीसीआर जांच 796 रुपये में करने बाबत सकारात्मक निर्णय ले, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सरकार ने केंद्र सरकार की कंपनी का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया.19 अगस्त से 7 सितंबर तक 20 दिन टेस्ट के लिए नागरिकों को आरटी-पीसीआर जांच के लिए 1256 रुपये अधिक चुकाना पड़ा. इस दौरान सरकार ने 50 लाख जांच किये हैं जिसमें से 19 लाख,34 हजार 96 जांच निजी लैब में किये गए हैं. इस तरह निजी लैब से सांठगांठ कर 242 करोड़ 92 लाख रुपये गरीब नागरिकों से वसूल किये गए हैं.