महापरिनिर्वाण दिवस, भीड़ न लगाने की अपील

  • कोरोना के साये में शीश नवायेंगे श्रद्धालु

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मुंबई.  रविवार को महापरिनिर्वाण दिवस है और इस अवसर पर लाखों अनुयायियों के चैत्यभूमि में इकट्ठा होने से परहेज करने के लिए बीएमसी ने अनुयायियों से भीड़ न लगाने की अपील की है। कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र लोगों से डा. बाबासाहेब आंबेडकर के 64वें महापरिनिर्वाण दिवस के पुण्यतिथि पर छह दिसम्बर को चैत्यभूमि पर भीड़ एकत्र नहीं करने की अपील बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल और खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की है। 

गौरतलब है कि आंबेडकर के लाखों अनुयायी महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर राज्य भर से चैत्यभूमि आते हैं। ठाकरे और चहल ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए लोगों से अपने घरों पर ही डा. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का अनुरोध किया है।  एक वीडियो सन्देश में चहल ने कहा कि सामाजिक दूरी बनाये रखना, मास्क पहनना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना नये मानदंड हैं। हमें किसी भी हालत में भीड़ एकत्र करने से बचना है क्योंकि खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है।

चैत्यभूमि में पुलिस कर्मियों की तैनाती

उन्होंने कहा कि डा. आंबेडकर के लाखों अनुयायी महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर राज्यभर से चैत्यभूमि आते हैं और ऐसे में यह जरूरी है कि हम किसी भी किस्म का जोखिम ना उठायें। बीएमसी के अधिकारी ने बताया कि चैत्यभूमि में जमा न होने की अपील की जा चुकी है और इसे सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। उन्होंने बताया कि चैत्यभूमि में बहुत ही गिने चुने लोगों को प्रवेश दिया जायेगा और उसका लाइव टेलीकास्ट बड़े स्क्रीन पर किया जायेगा। विभिन्न माध्यम से ऑनलाइन दर्शन, स्मारक पर हेलिकॉप्टर के माध्यम से पृष्पवृष्टि की जाएगी। चूंकि इस बार भीड़ ना जमा होने की हिदायत दी गई है, इसलिए हर साल की तरह इस साल कोई भी अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई है।

भीमराव आंबेडकर, बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय थे। बाबासाहब आंबेडकर ने छह दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी। इसलिए यह दिन महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉक्‍टर आंबेडकर ने छुआ-छूत और जातिवाद के खात्‍मे के लिए खूब आंदोलन किए।

क्या अपील की मुख्यमंत्री ने

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आंबेडकर हमारे लिए देवतुल्य हैं। हम उनके अनुयायी हैं। महापरिनिर्वाण दिवस बाबा साहेब का अभिवादन करने का दिन है। अभिवादन में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी, लेकिन कोरोना संकट के कारण इस साल लोग अभिवादन के लिए चैत्यभूमि पर भीड़ न करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के रूप में हमने ज़िम्मेदारी ली है, लेकिन अनुयायी के रूप में आप सभी को भी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ेगी।