मुंबई. देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर ‘एंटीलिया’ (Antilia) के पास जिलेटिन युक्त विस्फोटक भरी स्कॉर्पियो (Scorpio) मिलने के मामले में एनआईए ने बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए (NIA) ने मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे (Sachin Vaze) को गिरफ्तार किया है। वाझे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए शुक्रवार को ही ठाणे सत्र न्यायालय में यचिका दायर कर दी थी। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 19 मार्च को तय की थी।
एनआईए ने बताया कि सचिन वाझे को आईपीसी की धारा 286, 465, 473, 506(2), 120 बी और 4 (ए)(बी)(आई) विस्फोटक वस्तु एक्ट 1908 के तहत गिरफ्तार किया गया है।
NIA arrests Mumbai police officer Sachin Vaze in connection with its investigation into the recovery of explosives from a car parked near Mukesh Ambani's house in Mumbai https://t.co/6AZvHH6rz2
— ANI (@ANI) March 13, 2021
मनसुख हिरेन की हत्या का आरोप
गौरतलब है कि जिलेटिन युक्त विस्फोटक भरी स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में वाझे पर आरोप लगे हैं। हिरेन की पत्नी ने वाझे पर पति की हत्या करने का आरोप लगाया है। यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया। इसके बाद विपक्ष के दबाव में वाझे का तबादला पहले पुलिस के गुप्त वार्ता विभाग से सीएफसी विभाग में किया गया अब उन्हें नगरी सुविधा केंद्र में भेजा गया है। सीएफसी शहर पुलिस की एक इकाई है।
दरअसल 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो मिली थी। स्कॉर्पियो में 20 जिलेटिन की छड़े और एक धमकी भरा पत्र मिला था। जांच में पता चल की यह कार मनसुख हिरेन नामक व्यवसायी की है। लेकिन दूसरे ही दिन उनकी लाश ठाणे के क्रीक स्थित एक नाले में मिली। पुलिस को उनके मुँह में ठुसे पांच रुमाल भी मिले थे। वहीं मुंबई पुलिस ने बताया था कि, मिली कार चोरी की है। 18-19 फ़रवरी को एरोली-मुलुंद ब्रिज से चोरी हुई थी।
वाझे का वॉट्सऐप स्टेटस वायरल
गिरफ्तार से पहले सचिन वाझे का एक वॉट्सऐप स्टेटस सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जिसमें लिखा है, “3 मार्च 2004 को, सीआईडी में मेरे सहयोगियों ने मुझे झूठे आरोप में गिरफ्तार किया था। वह मामला अभी भी क्लियर नहीं हुआ है, लेकिन अब इतिहास खुद को दोहरा रहा है। मेरे सहकर्मी अब मेरे लिए फिर से एक जाल बिछा रहे हैं। तब और अब की स्थिति में थोड़ा अंतर है। उस समय मेरे पास 17 साल का धैर्य, आशा, जीवन और सेवा थी, लेकिन अब मेरे पास न तो 17 साल का जीवन है और न ही सेवा। बचने की कोई उम्मीद नहीं। यह दुनिया को अलविदा कहने का समय है।” हालांकि उनके नंबर पर अब यह स्टेटस नजर नहीं आ रहा। पुलिस सूत्रों की माने तो अधिकारियों के समझाने के बाद उन्होंने स्टेटस को हटा दिया।