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मुंबई. देशव्यापी लॉकडाउन के बीच रविवार 17 मई को नवभारत के ‘संडे फंडे प्रोग्राम’ में बॉलीवुड इंडस्ट्री की जानी मानी हस्ती देवांग पटेल, आपके पसंदीदा शो  तारक मेहता का उल्टा चश्मा के निर्देशक धर्मेश मेहता और मशहूर उर्दू शायर अबरार काशिफ नवभारत के फेसबुक पेज पर लाइव आने वाले हैं। इस दौरान वह अपने अपने कौशल से आपका मनोरंजन करेंगे साथ ही बढ़िया कोरोना महामारी से एंटरटेनमेंट पर पड़ने वाले असर पर चर्चा करेंगे। 

देवांग पटेल एक सिंगर, अभिनेता, रैपर, गीतकार, नर्तक, फिल्म निर्माता, फिल्म निर्देशक और संगीत कलाकार हैं। गुजरात में जन्मे देवांग ने अपने करियर की शुरुआत पॉप गानों से की। उन्होंने बॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया हैं। साल 1995 में आई गोविंदा स्टारर फिल्म गैम्बलर में देवांग ने दो गाने Stop That और ‘मेरी मर्जी’ गाने गाए हैं, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया।

यह गाने आज भी कही लग जाए तो लोगों के पैर थिरकने लगते हैं। साथ ही देवांग ने काफी गुजराती गाने, हिंदी गाने और पॉप गाने गाए हैं। इसके अलवा देवांग ने कई गुजराती फिल्मों में बतौर अभिनेता काम किया है।

देवांग को अपनी बेहतरीन गायकी के लिए साल 2002 में यंग अचीवर्स अवार्ड्स और साल 2008 में गुर्जर रत्न पुरस्कार से नवाजा गया। बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान देवांग का ‘चौकीदार रैप’ काफी हिट हुआ। इस रैप में उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव में मोदी ही चुन कर आएंगे।   

हमारे साथ जुड़ने वाली दूसरी हस्ती धर्मेश मेहता जो भारतीय निर्देशक हैं, जो गुजराती फिल्म उद्योग में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। उनकी 2017 की रिलीज़ में ‘पापा तमने नहीं समझाय’, एक कॉमेडी ड्रामा है जिसमें भाव्या गांधी, केतकी दवे, और मनोज जोशी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। 2019 की रिलीज़ में धर्मेश मेहता द्वारा निर्देशित ‘चील झड़प’ शामिल हैं।  धर्मेश मेहता SAB टीवी पर आने वाले शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा और पापड़ पोल में R..Laxman Ki Duniya के निर्माता के रूप में अपनी दिशात्मक भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं।

धर्मेश मेहता टीवी इंडस्ट्री के सफल निर्देशकों में शुमार हैं। उन्होंने एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया और उन्हें पहचान मिली। बाद में, उन्होंने बच्चों के लिए भी नाटकों का निर्देशन किया। उन्होंने शो के 500 एपिसोड पूरे करने के बाद तारक मेहता का उल्टा चश्मा का एपिसोड छोड़ दिया। वह एक सिविल इंजीनियर थे, उन्होंने स्टूडियो में स्पॉट बॉय के रूप में अपनी भूमिका शुरू की। इसलिए उनके माता-पिता इस ग्लैमर करियर को लेने के उनके विचार से विमुख थे।

वह गुजरात में कई व्यावसायिक नाटकों में दिखाई दिए, और यहां तक ​​कि स्वर्गीय शफी इनामदार, आशा पारेख और यहां तक ​​कि अपरा मेहता के साथ भी अभिनय किया। थिएटर में उनका सहयोग उनके जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा था।

हमारे साथ एक और हस्ती जुड़ने वाली है वो अबरार काशिफ साहब है जो एक उर्दू शायर है। वह अपनी बेहतरीन शायरी से लोगो का दिल जीतते आए है। अबरार काशिफ अक्सर मोहब्बत, प्यार, इश्क इन पर शायरी करते है। उन्हें कई महफ़िलो में अपनी शायरी से चार चाँद लगाने के लिए बुलाया जाता है। उनके फैंस उनकी शायरी को काफी पसंद करते है।

बता दे कि, अबरार काशिफ अमरावती के रहने वाले है। वह बेहद उम्दा गजल, नज़्म लिखते है। उनकी गजलों के काफी लोग दीवाने है। उनके हर एक लफ्ज लोगो के दिलो को छू लेते है। वह अक्सर कई मुशायरों में गजल और शायरी करते हुए नजर आते है। उनकी कुछ शायरी काफी मशहूर है। वह महाराष्ट्र के अलावा कई जिलों में होने वाले मुशायरों में शामिल होते है। 

उनकी कुछ शायरी जो हम आपके लिए लाए है ….

“मंज़िलों का कौन जाने रहगुज़र अच्छी नहीं, 
उसकी आँखें खूबसूरत है नज़र अच्छी नहीं।”

“बहस मत कीजिए बेकार में क्या रखा है, 
बात बढ़ जाएंगी तकरार में क्या रखा है, 
सब उसे ईद मनाने के लिए देखते है,
वरना अब चांद के दीदार में क्या रखा है।”

“मैं जानता हूँ के मेरा कोई जवाब नही, 
मगर वो शख़्स क़यामत है क्या किया जाए।”

“मेरा अरमान मेरी ख्वाहिश नहीं है, 
ये दुनिया मेरी फरमाईश नहीं है, 
मैं तेरे ख्वाब वापस कर रहा हूँ, 
मेरी आँखों मे गुंजाईश नहीं है।”